सरकारी स्कूलों के 50 प्रतिशत विद्यार्थियों की नहीं हो रही ऑनलाइन पढ़ाई
-माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शाला दर्पण पोर्टल पर जारी किए वेब लिंक

सरकारी स्कूलों के 50 प्रतिशत विद्यार्थियों की नहीं हो रही ऑनलाइन पढ़ाई
-माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शाला दर्पण पोर्टल पर जारी किए वेब लिंक
पत्रिका पड़ताल-कृष्ण चौहान
श्रीगंगानगर. लॉकडाउन में विद्यार्थियों की परीक्षा हुई नहीं। कक्षा दसवीं और 12 वीं बोर्ड के विद्यार्थियों को छोड़ अन्य सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों को इस बार बिना परीक्षा पास कर अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया गया। अब लॉकडाउन में नवाचार करते हुए सरकारी स्कूल के इन विद्यार्थियों को शाला दर्पण पोर्टल पर वेब लिंक जारी कर ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करवाई है। ऑनलाइन पढ़ाई का सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने वाले 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। जिले में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक,माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के 1890 सकारी स्कूल है और इनमें 345 पीइइओ है।
ग्रुप में 50 प्रतिशत नहीं जुड़ पाए अभिभावक-हर पीइइओ ने दो-दो ग्रूप बनाए हैं। एक ग्रुप पीइइओ व स्कूल के अध्यापक और दूसरा ग्रुप पीइइओ,टीचर व बच्चों के अभिभावकों का संयुक्त बनाया गया है। बच्चों की संख्या के अनुपात में अभिभावकों को ग्रुप में 50 प्रतिशत ही नहीं जोड़ा गया। ग्रुप में जो अभिभावक जुड़ गए है वो घर पर नहीं रहते हैं। खेतीबाड़ी का सीजन चल रहा है और बच्चों के पास स्मार्ट फोन ही नहीं है। कहीं मोबाइल,तो कहीं नेट, नेटवर्किंग,नेट डाटा सहित बहुत सारी समस्याएं आड़े आ रही हैं।
नई पहल, लेकिन लाभ नहीं--देश के किसी भी कौने में बैठे विद्यार्थी मोबाइल फोन के जरिए शालादर्पण पोर्टल के होमपेज को खोलकर आसानी से पढ़ाई कर सकेंगे। विभाग इसके लिए कई लिंक जारी किए हैं। इन लिंक में बच्चों को प्रश्न बैंक, मॉडल, उत्तर पुस्तिका सहित ऑडियों व वीडियो उपलब्ध करवा रही है।
फैक्ट फाइल
-जिले में सरकारी स्कूल-1890
-जिले में पीइइओ-345
-ऑनलाइन ग्रुप बनाएं-690
-जिले में विद्यार्थी-1, लाख 96 हजार
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ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्कूल में ग्रुप बनाए हैं। कुछ बच्चों को इसका लाभ मिल रहा है जबकि गांव में स्मार्ट फोन सहित कुछ समस्याएं आ रही है लेकिन कोशिश कर रहे हैं।
-हेमा नागपाल, प्रधानाचार्य, राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल, रोहिड़ावाली।
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स्कूल में 230 विद्यार्थी है और दो ग्रुप बनाए है। 50 प्रतिशत अभिभावकों को जोड़ रखा है तथा जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है उनको मोबाइल पर बात कर क्लाश टीचर होम वर्क देते हैं।
-अनीता शर्मा, प्रधानाचार्य, राजकीय गल्र्स सीनियर सैंकडरी स्कूल सतजंडा।
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ऑनलाइन पढ़ाई से संबंधित लिंक आते हैं वो सुबह नौ बजे सीबीइओ को भेज देते हैं। बच्चों की पढ़ाई कैसे हो रही है इसका अभी फीड बैक तो नहीं लिया है लेकिन खेतीबाड़ी का काम व संसाधनों की कमी आड़े आ रही है।
-हरचंद गोस्वामी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, शिक्षा विभाग, श्रीगंगानगर।
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