‘वड्डा पुरख प्रकट्या कलजुग अंदर जोत जगाई-धन नानक तेरी वड्डी कमाई, ‘सुणी पुकार दातार प्रभ, गुरुनानक जग माहे पठाया, ‘तिन बेदियन की कुल विखे प्रगटे नानक राय, ‘प्रगट भई सगळे जुग अंतर गुरुनानक की वडियाई, ‘सतगुरु नानक प्रकटिया, मिटी धुंध जग चानण होया, ‘नानक आया, नानक आया-कल तारण गुरुनानक आया जैसे शब्द दिन भर गूंजते रहे, बड़ी संख्या में श्रद्धालु गुरुद्वारे के बाहर मुख्य सड़क पर बिछाए कालीन पर बैठ इनका श्रद्धा से श्रवण करते रहे। ( prakash purab fo guru sri nanak dev )
गुरु साहिब की हजूरी में गुरुनानक धर्म प्रचार सोसायटी की शब्द गायन प्रतियोगिता के फाइनल राउंड के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। जितेंद्रसिंह वासन के संयोजन में हुई इस प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में मयूरी अरोड़ा पहले, दर्शप्रीत कौर दूसरे एवं युवराज कौर तीसरे स्थान पर रहीं थी। सीनियर वर्ग में गुरसेवक सिंह प्रथम, युक्ता नायक द्वितीय एवं सिम्पल आहूजा तृतीय रहीं। विजेताओं को सोने एवं चांदी के सिक्के दिए गए।
गुरुद्वारे में अंदर रंगीन, ताजे फूलों से आकर्षक सजावट की गई। गुरु ग्रन्थ साहिब के समक्ष फूलों से बनाए गए ‘550 ने ध्यान आकृष्ट किया। बाहर की तरफ स्वागत और शुभकामना वाले कई द्वार बनाए गए। बिजली की रंगीन लडिय़ों से समूचे क्षेत्र को सजाया गया। मुख्य सड़क पर रंगीन फर्रियां भी लगाई गई। व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रधान गुरबचन सिंह वासन एवं अन्य सेवादार पूरे समय प्रयासरत रहे। ( SriGanganagar News )
पार्क के पास अटूट लंगर चलता रहा। इसमें दाल, खीर, मिक्स सब्जी, सलाद का प्रसाद रखा गया। व्रत वालों के लिए फुलका, दाल, सब्जी, हलवा की व्यवस्था की गई। लंगर का काम संभालने वाले जसपाल सिंह ने बताया कि आटा 30 क्विंटल, दाल 8 क्विंटल, सब्जी 30 क्विंटल, सलाद 15 क्विंटल, घी पांच टन से अधिक लगा। करीब 250 सेवादार लंगर की सेवा में जुटे रहे। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। इसकी तैयारी सोमवार रात से शुरू कर दी गई थी।
‘मेरा मुझ में कुछ नहीं, जो कुछ है सो तेरा, तेरा तुझको सौंपते क्या लागे है मेरा
बाबा नानक के ‘तेरा-तेरा के संदेश को खूब अंगीकार किया गया। बड़ी संख्या संगत अपने-अपने घर से तेरह-तेरह प्रसादे लेकर गुरुद्वारा साहिब में आए। जूठे बर्तन साफ करने की ललक भी खूब दिखी। इसमें कार्य के लिए सेवादारों को संख्या अधिक होने के कारण कई जने अपनी बारी के इंतजार में नजर आए। ( rajasthan patrika hindi news )
संगतों के लिए जोड़ा घर में जोरदार सेवा की गई। डॉ. लखविन्द्र सिंह, सेवादार मंजीत सिंह, जसविंद्र सिंह, बंटी पंछी, जगमोहन सिंह, कपिल, कुलदीप सिंह, जसकीरत सिंह पंछी, प्रगट सिंह आदि ने सेवा दी। सुविधा के लिए दो जगह जोड़ा घर रखे गए। बाहर अनेक तरह की खाद्य वस्तुओं, चाय आदि की स्टाल लगाई गई, मनुहार कर प्रसाद रूप में इन्हें वितरित किया गया।