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श्रीगंगानगर से पहले हवाई सेवा से कोटा भी जुड़ा लेकिन वहां भी यह सेवा ज्यादा नहीं चल पाई। १८ अगस्त २०१७ को कोटा से जयपुर के लिए ९ सीटर विमान सेवा शुरू हुई थी, जो ८ माह बाद ही बंद हो गई थी। कोटा में मौजूदा एयरपोर्ट का रनवे छोटा होने के कारण बड़ा विमान नहीं उड़ सकते। रनवे मात्र १२०७ मीटर का है।
इलाके में हवाई सेवा की बहुत ज्यादा जरूरत है। यहां के कई परिवार विदेशों में रहते हैं। विदेश से दिल्ली और जयपुर तक का हवाई सफर आसान रहता है लेकिन श्रीगंगानगर जिले में आने के लिए छह से आठ घंटे तक मजबूरन सडक़ मार्ग पर चलना पड़ता है।
यहां के कई युवा विदेशों और महानगरों में कार्यरत है लेकिन अपनी जन्म भूमि श्रीगंगानगर जिले में हवाई सेवा नहीं होने के कारण समय की व्यस्तता को देखते हुए आ नहीं पाते। हवाई सेवा शुरू हो जाए तो यह दूरियां भी मिट जाएगी।
————— सरकारी मेडिकल कॉलेज बनने के बाद हवाई सेवा की ज्यादा जरूरत होगी। हवाई सेवा के अभाव में यहां कोई वीआइपी नहीं आता। मुख्यमंत्री के समक्ष श्रीगंगानगर से जयपुर, श्रीगंगानगर से दिल्ली व श्रीगंगानगर से अमृतसर तक हवाई सेवा शुरू करने का प्रस्ताव दिया जा चुका है। उम्मीद है कि इस पर जल्द ही कोई निर्णय हो पाएगा।
– राजकुमार गौड़, विधायक, श्रीगंगानगर
एक कंपनी ने कवायद शुरू की लेकिन यह मामला सरकार के पास है। सरकार से मंजूरी मिलने पर यहां हवाई सेवा शुरू हो सकेगी। हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ेगी तो लालगढ़ हवाई पट्टी पर संसाधनों का विस्तार भी हो जाएगा।