अब तक की जांच में यह सुराग सामने आया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस वारदात को अंजाम देने के लिए कई लोगों ने गोलूवाला में यह साजिश रची थी। इस मामले की मुख्य सूत्रधार गोलूवाला की हरमीत कौर उर्फ बीबी पत्नी अमृतपाल सिंह और गुरजीत सिंह की तलाश की जा रही है। इन दोनों ने ही कई युवाओ और बुजुर्गो को गांव 11 जी स्थित गुरुद्वारे में हमला करने के लिए तैयार किया था।
इनके तार किन किन लोगों से जुड़े हुए है, इस संबंध में पड़ताल की जा रही है। इस बीच अदालत में दोनों पक्षों के वकीलों अपने अपने तर्क पेश किए। वहीं चूनावढ़ थाना प्रभारी परेश्वरलाल सुथार ने भी पुलिस कर्मियों को पिस्तौल की नोक दिखाकर गुरु ग्रन्थ साहिब के पावन स्वरूप उठाकर ले जाने की घटना को गंभीर मानते हुए पुलिस रिमांड मांगा।
इस पुलिस अधिकारी का कहना था कि इस घटना में साजिश कर्ता और अन्य आरोपियों की भूमिका के संबंध में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ की जानी है। कोर्ट ने दो दिन के लिए इन आठों आरोपियों को पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश किए।
कोर्ट परिसर पर में गुरुवार दोपहर बाद सिख संगत एकत्र होने लगी। यहां तक कि जैसे ही इन आठों आरोपियों को पुलिस की बस में कोर्ट परिसर में लाया गया तो वहां सिख जत्थेबंदियों ने सत श्री अकाल के जयघोष बोल कर आरोपियों के हौसले अफसाई की। वहीं सीओ सिटी इस्माल खान सहित कई पुलिस अधिकारी शांति बनाए रखने के लिए व्यवस्था करते नजर आए।
इधर, कोर्ट में बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की ओर से दलीलें पेश की गई।
बचाव पक्ष के वकीलों का कहना था कि सिख जत्थेबंदियों की ओर से छह नवम्बर को इस गुरुद्वारे से गुरु ग्रन्थ साहिब के पावन स्वरूप को ले जाने का आग्रह जिला प्रशासन से किया था। इसके बावजूद कड़े पहरे लगाकर इसे रोक दिया गया। बेअदबी के संबंध में चूनावढ़ पुलिस के पास लिखित में दस्तावेज है लेकिन पुलिस ने इस मसले का हल कराने की बजाय गुरुद्वारे के संचालक को सुरक्षा दी।
बचाव पक्ष का कहना था पुलिस ने झूठी कहानी रचकर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके विरोध में अभियोजन पक्ष का कहना था कि कानून से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। इस विवादित प्रकरण के संबंध में राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर और सिविल न्यायालय श्रीगंगानगर ने यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश किए थे।
इस आदेश की पालना के लिए पुलिस प्रशासन ने गुरुद्वारे में पांच पुलिस कर्मियों को सुरक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई। लेकिन रात के अंधेरे में हथियार बंद लोगों ने जान से मारने का भय दिखाकर यह डकैती की।
यदि कानून से कोई बड़ा धर्म माना जाएगा तो पूरा देश जंगलराज में तब्दील हो जाएगा। आधी रात को गुरुग्रन्थ साहिब के पावन स्वरूप को ले जाना बेअदबी नहीं है क्या।
चूनावढ पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों बख्तावर सिंह की ढाणी निवासी गुरदीप सिंह, मोरजंड सिखान निवासी पदमजीत सिंह, बुगलंावाली संगरिया निवासी जसकरण सिंह, गुरमेल सिंह, बलकरण सिंह, मोरजण्ड सिखान निवासी बाबू सिंह, बुगलंावाली संगरिया निवासी सुखचरण सिंह व बलकरण सिंह को अदालत में पेश किया।
वहां पुलिस मूकदर्शक बनी रही और वहां इन आरोपियों के बचाव में आए लोगों ने पुष्प वर्षा कर इनका हौसला बढ़ाया। इससे पहले पुलिस ने कोर्ट परिसर से बाहर से आए लोगों को बाहर भिजवाने का प्रयास किया तो लोग अड़ गए।
मामला बिगड़ता देख पुलिस अधिकारियों ने समझाइश की।
गुरुद्वारे में गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूप को लेकर दो पक्षों में लंबे समय से विवाद चल रहा है। जिसमें एक पक्ष यहां मढी बताते हुए गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूप को रखना गलत बताता रहा और एक पक्ष इसको मढी से दूर रखना बताता रहा।
गत छह नवम्बर को पंजाब व श्रीगंगानगर की सिख संगत गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूप को गुरुद्वारे से ले जाने की घोषणा की थी। इस दौरान पंजाब से आने वाली सिख संगत को साधुवाली नाके पर ही बैरिकेड्स लगाकर रोका गया था। यहां तक कि छह नवम्बर को पूरे जिले में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई थी।