गौरतलब है कि अधिवक्ता मोहन मुंजाल के मकान से 15 नवबर 2022 को अज्ञात चोर दिनदहाड़े लाखों रुपए के जेवरात, नकदी, दस्तावेज, इन्वर्टर वगैरह चुरा कर ले गए थे। अधिवक्ता कोर्ट में थे तथा उनकी अध्यापिका पत्नी ड्यूटी पर थी। शाम को घर लौटने पर वारदात का पता चला। पुलिस ने आसूचना तंत्र के आधार पर चोरी की वारदात में शामिल आरोपियों की पहचान सुनील उर्फ फौजी तथा अखलाक मोहमद के रूप में की। दोनों वारदात के बाद से फरार चल रहे थे। दोनों पर पुलिस अधीक्षक ने पांच-पांच हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। आरोपी सुनील उर्फ फौजी के खिलाफ कुरुक्षेत्र में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ था। कुरुक्षेत्र की पुलिस ने उसे गत दिनों गिरफ्तार किया। जंक्शन पुलिस सुनील उर्फ फौजी को कुरुक्षेत्र कारागृह से प्रोडक्शन वारंट पर हनुमानगढ़ लाई है। उससे बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं। अखलाक मोहमद का अभी तक कोई पता नहीं चला है।
2016 में किया बर्खास्त
जांच अधिकारी शिवनारायण ने बताया कि आरोपी सुनील उर्फ फौजी 2007 में सीआरपीएफ में नियुक्त हुआ था। उसे 2016 में बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद से वह अलग-अलग लोगों के साथ मिलकर देश भर में चोरी-लूट आदि की वारदातों को अंजाम देने लगा। अभी तक प्राप्त रिकॉर्ड में सुनील उर्फ फौजी के खिलाफ पूर्व में एनडीपीएस, मारपीट, लूट व चोरी के मुकदमे दर्ज होने की बात सामने आई है। बहुत हुआ था हंगामा
एडवोकेट के घर चोरी के बाद बार संघ सदस्यों ने कार्य बहिष्कार कर एसपी कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। तत्कालीन एसपी अजय सिंह ने ज्ञापन लेने के लिए अपने चैबर में केवल पांच अधिवक्ताआें को ही आने की अनुमति दी। इससे गुस्साए अधिवक्ताओं ने ज्ञापन की प्रतिलिपि फाड़कर बेमियादी कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी। इसके बाद बार संघ सदस्यों ने 19 नवबर 2022 को रोष मार्च निकाल एसपी का पुतला फूंका तथा 22 नवबर को बाजार बंद की घोषणा की। मगर इससे पहले ही 21 नवबर को एसपी की मौजूदगी में डीजे की अध्यक्षता में जिले के समस्त बार संघ पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें एसपी ने पांच दिन के भीतर चोरी के मामलों का खुलासा करने का भरोसा दिलाया तो कार्य बहिष्कार आंदोलन स्थगित कर दिया गया। अब पौने दो साल बाद भी एक ही आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा है, वह भी प्रोडक्शन वारंट पर।