प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सोमवार रात करीब साढ़े दस बजे अंकित पुत्र दलीप सैनी रिद्धि गणेश कॉलोनी में किराए के घर पर मजदूरी के बाद लौटा तो उसकी गर्भवती पत्नी खुशबू ने खाना बनाने लगे। इस बीच सिलेण्डर की लीकेज से आग भडकऩे लगी तो वह झुलस गई। जब तक उसका पति नहाकर जिस कमरे में उसकी पत्नी के पास जाकर बचाता तब तक खुशबू आग की चपेट में आ चुकी थी। खुशबू को बचाने के लिए पति अंकित भी झुलस गया। उसके हाथ और मुंंह आग से बुरी तरह झुलस गया।
इस दंपति के साथ चंद मिनटों में हुए इस हादसे की सूचना मिलते ही अंकित के रिश्तेदार ने एम्बुलैंस 108 को फोन कर मदद मांगी। एम्बुलैँस 108 की मदद से अंकित कुमार को चिकित्सालय में पहुंचाया। इस बीच सूचना मिलने पर सदर थानाधिकारी राजेश सिहाग भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने खुशबू का शव चिकित्सालय की मोर्चरी में पहुंचाय
खुशबू की आयु करीब तीस वर्ष है।
खुशबू की आयु करीब तीस वर्ष है।
वहपहले से दो बेटों की मां बन चुकी है। तीसरी डिलीवरी अगले सप्ताह होनी थी। अपने पति के मजदूरी करने के बाद वापस लौटने का इंतजार कर रही थी। जब पति अंकित रात साढ़े दस बजे आया तो उसके लिए गर्मागर्म भोजन बनाने के लिए जुट गई।
नया सूट भी पहना था लेकिन सिलेण्डर और चूल्हे के बीच पाइप लाइन से गैस लीक हुई और आग एकाएक भभक उठी। इस आग में गर्भवती खुशबू की मौके पर ही मौत हो गई। इधर, पड़ौस में रहने वाले लोगों का कहना था कि रात करीब ग्यारह बजे के बाद अंकित के घर पर कोहराम मचा तब वे भाग कर आए तब तक घटना हो चुकी थी।
खुशबू और अंकित के दो बेटे है। एक शिवम चार साल का है तो दूसरा शिब्बू दो साल का है। इन दोनेां बच्चों को घर के बाहर चारपाई पर मृतका खुशबू का ससुर अपने कलेजे से चिपका हुआ था। बुरी तरह विलाप कर रहा था। घर के बाहर वह सिलेण्डर भी रखा था जिसकी वजह से यह हादसा हुआ था।
खुशबू और अंकित के दो बेटे है। एक शिवम चार साल का है तो दूसरा शिब्बू दो साल का है। इन दोनेां बच्चों को घर के बाहर चारपाई पर मृतका खुशबू का ससुर अपने कलेजे से चिपका हुआ था। बुरी तरह विलाप कर रहा था। घर के बाहर वह सिलेण्डर भी रखा था जिसकी वजह से यह हादसा हुआ था।
घर के अंदर दो ही कमरे है, बाहर का कमरा अधूरा पड़ा है लेकिन अंदर के कमरे को किराये पर लिया हुआथा। इसी कमरे के एक कोने में सिलेण्डर और चूल्हा रखकर रसोई घर का रूप दिया हुआ था। पहनने के लिए कपड़ों की दो छोटी संदूक रखी हुई थी, उसके पास कपड़ों का ढेर था, इस ढेर में आग देर रात करीब साढ़े बारह बजे तक लगी हुई थी। इस आग को दमकल की गाड़ी ने आकर बुझाया। हालांकि पड़ौसियों की मदद से सिलेण्डर को बुझाया जा चुका था।
खुशबू की सास और देवरानी उसके घर से चंद कदम दूर किराये के घर में रहती है। जैसे ही रात ग्यारह बजे पता चला तो उन्होनेंं अंकित को चिकित्सालय पहुंचाया। चिकित्सालय परिसर में खुशबू का शव देखा तो सास और देवरानी बेसुध हो गई। विलाप करते हुए बोली कि ऐसा भगवान ने क्यों किया। क्या बिगाडा था। जिस कमरे में यह घटना हुई उसकी छत भी इतनी गर्म हो गई कि छत पर दरारें आ गई। कमरे में जो भी सामान था जलकर राख हो गया। अंकित के भाई मोहित ने बताया कि
खुशबू की सास और देवरानी उसके घर से चंद कदम दूर किराये के घर में रहती है। जैसे ही रात ग्यारह बजे पता चला तो उन्होनेंं अंकित को चिकित्सालय पहुंचाया। चिकित्सालय परिसर में खुशबू का शव देखा तो सास और देवरानी बेसुध हो गई। विलाप करते हुए बोली कि ऐसा भगवान ने क्यों किया। क्या बिगाडा था। जिस कमरे में यह घटना हुई उसकी छत भी इतनी गर्म हो गई कि छत पर दरारें आ गई। कमरे में जो भी सामान था जलकर राख हो गया। अंकित के भाई मोहित ने बताया कि