चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक त्रिलोक वर्मा ने बताया कि शुक्रवार तडक़े श्रीगंगानगर स्टेशन पर पहुंची अरावली एक्सप्रेस ट्रेन में आरपीएफ के स्कोर्टिंग ड्यूटी स्टॉफ हैडकांस्टेबल बुधराम व कांस्टेबल महेन्द्र ङ्क्षसह, विजय ङ्क्षसह व रामलखन को स्लीपर कोच में एक किशारी डरी-सहमी हुई मिली। जिसको आरपीएफ के थाने में लाकर बैठाया गया है।
निरीक्षक वीरेन्द्र ङ्क्षसह रत्नाकर को सूचित किया। निरीक्षक ने स्टेशन अधीक्षक से एक महिला कर्मचारी लेकर परिवारजन का पता नहीं लग जाता तब तक बालिका की देखभाल व निगरानी में लगाया। निरीक्षक वीरेन्द्र ङ्क्षसह रत्नाकर ने बालिका के मिलने की सूचना से चाइल्ड हैल्पलाइन, व थाना अधिकारी जीआरपी धर्मपाल लेघा को सूचित किया।
इस पर सुबह 5 बजे चाइल्ड हैल्पलाइन से टीम सदस्य विकास कुमार व काउंसलर मुन्नी कुमारी, जीआरपी थाने से हवलदार अशोक ङ्क्षसह, स्टेशन मास्टर कानाराम रेसुब पोस्ट पर पहुंचे। चाइल्ड लाइन काउंसलर मुन्नी कुमारी ने बालिका की काउंसङ्क्षलग की। बालिका ने अपना नाम, पिता का नाम व निवासी रूपनगर हनुमानगढ़ टाऊन और आयु सत्रह वर्ष बताई।
बालिका ने बताया कि अपनी मां से झगड़ा हो जाने के कारण घर से निकल आई और हनुमानगढ़ से ट्रेन में बैठकर यहां आ गई। इस पर चाइल्ड लाइन ने बाल कल्याण समिति अध्यक्ष जोगेन्द्र कौशिक को अवगत करवाया। बाल कल्याण समिति की देखरेख में बालिका के परिजनों की तलाश शुरू की गई। काउंसङ्क्षलग के दौरान बालिका ने घर का एक संपर्क नम्बर दिया। इस पर आरपीएफ पोस्ट निरीक्षक एवं चाइल्ड हैल्पलाइन के जिला समन्वयक ने बात की तो बालिका के मामा से बात हुई।
उन्होंने बताया कि रात से ही बालिका की तलाश कर रहे है। हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन पर भी बालिका को तलाश करने गए थे लेकिन वह नहीं मिली। निरीक्षक ने परिजनों को बताया कि बालिका सुरक्षित है और श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन के रेसुब पोस्ट में है। इसके बाद परिजनों ने राहत की सांस ली। परिजनों ने बताया कि बालिका को लेने के लिए आ रहे है। वे सुबह 8 बजे श्रीगंगानगर पहुंचे। बालिका ने अपने परिजनों के साथ जाने की इच्छा जताई। इस पर बाल कल्याण समिति को अवगत करवाते हुए बालिका को परिजनों को सौंप दिया।