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अनूपगढ़ जिला निरस्त करने के विरोध में करेंगे चक्काजाम

भाजपा सरकार की ओर से नवसृजित अनूपगढ़ जिले के 17 महीने बाद जिले को निरस्त करने के निर्णय के बाद इलाके में उपजे आक्रोश के बाद रविवार को व्यापार मंडल में व्यापारिक सामाजिक व अन्य सभी संगठनों की बैठक हुई। बैठक में लोगों में भाजपा सरकार के प्रति अनूपगढ़ जिला निरस्त करने पर भारी रोष देखा गया।

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Blockade will be held in protest against abolition of Anupgarh district

अनूपगढ़. बैठक में मौजूद विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी।

अनूपगढ़. भाजपा सरकार की ओर से नवसृजित अनूपगढ़ जिले के 17 महीने बाद जिले को निरस्त करने के निर्णय के बाद इलाके में उपजे आक्रोश के बाद रविवार को व्यापार मंडल में व्यापारिक सामाजिक व अन्य सभी संगठनों की बैठक हुई। बैठक में लोगों में भाजपा सरकार के प्रति अनूपगढ़ जिला निरस्त करने पर भारी रोष देखा गया। लोगों ने सरकार के इस निर्णय को राजनीतिक द्वेषता पूर्व उठाया गया कदम बताया। वहीं भरतपुर जिले से मात्र 38 किमी की दूरी पर स्थित डीग जिले को यथावत रखने पर पक्षपात कहते हुए सवाल उठाए। साथ ही अनिश्चितकालीन बाजार बंद व चक्काजाम या गांधीवादी तरीके से आंदोलन शुरू करने पर विचार-विमर्श किया गया, लेकिन लोगों के आक्रोश के चलते गांधीवादी तरीके को दरकिनार कर लोगों ने नेशनल हाइवे 911 को जाम करने का निर्णय लिया। साथ ही विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों ने बाजार बंद सहित हर सम्भव सहयोग का भरोसा दिया। बैठक के दौरान अनूपगढ़ जिला बचाओ समिति का भी गठन किया गया, जिसकी बागडोर अध्यक्ष के रूप में संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश बिश्नोई को सौंपी गई। बैठक में रामदेवी बावरी ने पंचायत समिति सदस्य डायरेक्टर के पद से त्याग पत्र देने की घोषणा करने के साथ सरकार की निन्दा की।

भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से मांगा त्याग पत्र

बैठक में माकपा के युवा नेता सुनील गोदारा ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए मंच संचालन किया। वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता भजनलाल कामरा ने कहा कि जिला वापिस लेने के लिए संघर्ष गांधीवादी तरीके से किया जाए या सरकार को आंख दिखाई जाए। हमें इस लड़ाई को पूरी ताकत के साथ लडऩा होगा। मनिहारी यूनियन के अध्यक्ष विजय धूडिय़ा ने सरकार के निर्णय की ङ्क्षनदा करते हुए अनूपगढ़ विधानसभा के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से त्याग पत्र देने की मांग की।