यह भी पढ़े- यूपी पुलिस की थर्ड डिग्री का वीडियो वायरल, परिजनों बोले- युवकों से जबरन कुबूल करवाया जुर्म, वीडियो- दिल्ली के न्यू अशोक नगर की रहने वाली सुनीता मंगलवार को बुखार और पेट में दर्द की शिकायत लेकर जिला अस्पताल पहुंची थी। यहां वह जैसे तैसे पर्चा बनवाकर आेपीडी में डाॅक्टरों को अपना हाल सुनाते हुए भर्ती करने की गुहार लगा रही थी। सुनीता ने बताया कि डाॅक्टरों ने उसकी जांच किए बिना ही दवा लिख दी। इतना ही नहीं डॉक्टर ने बीमारी क्या है इसके बारे में भी नहीं पूछा। जब वह डॉक्टर को कुछ कहने लगी तो गार्ड ने उसे कहा कि जल्दी कमरे से बाहर जाओ। सुनीता ने बताया कि वह खड़ी तक नहीं हो पा रही थी। इसलिए अस्पताल परिसर में प्रोजेक्ट रूम के बाहर आकर खड़ी हो गर्इ।
यह भी पढ़े- अजब-गजब: यूपी के इस जिले के एसएसपी की आलीशान कोठी का किराया जानकर हैरान रह जाएंगे आप, वीडियो- अचानक बेहोश होकर गिर गर्इ सुनीता ने बताया कि गार्ड के भगाने पर वह अोपीडी गेट से मजबूरन दर्द में कराहते हुए घर जाने के निकली ही थी। इसी दौरान अस्पताल परिसर में ही प्रोजेक्ट रूम के सामने अचानक बेहोश होकर गिर गर्इ। इस पर प्रोजेक्ट रूम से निकले कर्मचारियों व सुरक्षा कर्मियों ने मुझे इमरजेंसी में लाकर भर्ती कराया। महिला को भर्ती कराने वाले कर्मचारियों ने बताया कि महिला रूम के बाहर बेहोशी की स्थिति में पड़ी थी। एेसे में उसे इमरजेंसी में लेकर आए और भर्ती कराया। इमरजेंसी के स्टाफ ने बताया कि महिला को पेट में दर्द और उल्टी हो रही थी। खड़े होने में भी दिक्कत हो रही थी। इमरजेंसी में महिला को ग्लूकोज चढ़ाया गया। इसके बाद महिला की तबीयत में सुधार होने पर छुट्टी दे दी गई। वहीं महिला के साथ कोई अस्पताल नहीं आया था। इस संबंध में जब अस्पताल के प्रशासन के अधिकारियों से बात की गर्इ तो उन्होंने बताया कि इस तरह का मामला संज्ञान में आया है। दोबारा से ऐसा ना हो इसके लिए ओपीडी के सभी डॉक्टरों से बात की जाएगी। मरीजों को इलाज देना हमारी प्राथमिकता है।