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श्री गंगानगर

जिला प्रशासन बना मूकदर्शक, अवैध कॉलोनियों की बढ़ी संख्या

administration becomes silent, increased number of illegal colonies- पटवारियों से पटवार क्षेत्र में अब कृषि भूमि में अकृषि कार्यो की मांगी रिपोर्ट

श्री गंगानगरJan 17, 2021 / 07:51 pm

surender ojha

जिला प्रशासन बना मूकदर्शक, अवैध कॉलोनियों की बढ़ी संख्या

जिला प्रशासन बना मूकदर्शक, अवैध कॉलोनियों की बढ़ी संख्या

श्रीगंगानगर. इलाके में कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियों की परतें लगातार खुल रही है। जिला प्रशासन की ओर से पटवारियों की कुंडली खोलने की घुड़की काम आई है। कई पटवारियों ने उपखंड मजिस्टे्रट कोर्ट में सौलह अवैध कॉलोनियों का कच्चा चिट्ठा खोलकर इस्तगासा दायर किया।
वहीं इतने और अवैध कॉलोनियों के बारे में प्रारभिंक जानकारी मिली है। उपखंड अधिकारी उम्मेद सिंह रतनू ने बताया कि संबंधित हल्का पटवारियों से अवैध कॉलोनियों का रिकार्ड पेश करने के लिए पाबंद किया है। उन्होंने बताया कि पिछले पन्द्रह माह से कृषि भूमि पर अकृषि कार्यो की गतिविधियां अधिक बढ़ी है। अवैध कॉलोनियों से मोटा मुनाफा कमाई कॉलोनाइजरों और प्रोपर्टी डीलरो की जेब में जा रही है जबकि भू उपयोग परिवर्तन शुल्क जैसा राजस्व का नुकसान हो रहा है।
उपखंड अधिकारी ने जिला कलक्टर को भी इलाके में लगातार बन रही अवैध कॉलोनियों की जानकारी दी है। पूरे जिले में अब पटवारियों से उनके हलके में कृषि भूमि पर बन रही या बन चुकी अवैध कॉलोनियों की जानकारी मांगी जाएगी। इधर, नगर विकास न्यास प्रशासन से भी अवैध कॉलोनियों के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है।
न्यास क्षेत्र में भी कई जगह अवैध कॉलोनियां बनी है। खासतौर पर शहर से सटे इलाके हनुमानगढ़ रोड, सूरतगढ़ रोड, पदमपुर रोड और श्रीकरणपुर रोड पर कई अवैध कॉलोनियां बन चुकी है लेकिन न्यास की ओर से स्वीकृत नहीं है।
इधर, श्रीगंगानगर इलाके के अलावा सूरतगढ़, घड़साना, श्रीविजयनगर, सादुलशहर, अनूपगढ़, रायसिंहनगर, श्रीविजयनगर, गजसिंहपुर, पदमपुर, केसरीसिंहपुर आदि एरिया में अवैध कॉलोनियां बनी है।
पिछले दो सालों में रायसिंहनगर, श्रीविजयनगर, सादुलशहर और सूरतगढ़ क्षेत्र में बिना अनुमति से बनी अवैध कॉलोनियों के संबंध में एक भी कार्रवाई नहीं हुई है। इन एरिया में रातोंरात कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां काटकर कई दुकानदार, व्यापारी और पेशेवर लोग मोटा मुनाफा कमा चुके है। संबंधित इलाके में राजनीतिक सरंक्षण अधिक हावी है। एेसे में वहां एसडीएम और नगर पालिकाओं के अधिकारियों ने इस संबंध में भूमि खातेदारों को नोटिस भी नहीं दिए।
रायसिंहनगर और श्रीविजयनगर में बनी अवैध कॉलोनियों में कई जनप्रतिनिधियों ने भी भूखंडों की खरीद की थी।
इस बीच, श्रीगंगानगर-सूरतगढ़ के बीच कैचिंया में तो पूरा मार्केट बन चुका है। वहां दो सौ से अधिक दुकानों का निर्माण हो चुका है। इस मार्केट से गोलूवाला और बींझबायला मंडी नजदीक है, एेसे में लोगों की आवाजाही अधिक रहती है।
कैचिंया के पास एक प्राइवेट धानमंडी भी बनी है। यही स्थिति गांव बीझंबायला की है। इस ग्रामीण इलाके की मुख्य रोड पूरे मार्केट में तब्दील हो गई है। वहीं पदमपुर के आसपास भी नई कॉलोनियां बन चुकी है तो कई कॉलोनियां बन रही है। ज्ञात रहे कि नगर विकास न्यास प्रशासन को भूमि अधिग्रहित कर कॉलोनी बसाने की जिम्मेदारी थी लेकिन न्यास अधिकारियों ने इस संबंध में उचित समय में कदम नहीं उठाया। एेसे में न्यास क्षेत्र में सरकारी कॉलोनी कम और प्राइवेट कॉलानियों अधिक काटी जा चुकी है।
सूरतगढ़ बाइपास, पदमपुर बाइपास, हनुमानगढ़ रोड पर प्राइवेट कॉलानियों का जाल सा बिछ चुका है। वहीं आवासन मंडल ने सूरतगढ बाइपास पर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी बनाने के लिए भूमि अधिग्रहित करने की प्रक्रिया भी शुरू की थी, यहां तक एक साइन बोर्ड भी लगाया गया था लेकिन प्रभावीशाली लोगों ने इस कॉलोनी बनने की बजाय वहां प्राइवेट कॉलोनियां की अनुमति ले ली।
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