बीकानेर से आए खाद्य सरंक्षा अधिकारी महमूद अली के नेतृत्व में इस टीम ने जिला मुख्यालय पर रवीन्द्र पथ पर एक परचून सामान के शोरूम में एक ब्रांडेड कंपनी के आटे का सैम्पल लिया। इसे बीकानेर की विधि प्रयोगशाला भिजवाया जाएगा। इस अधिकारी का कहना था कि इस ब्रांडेड कंपनी के आटे की गुणवत्ता के संबंध में सोशल मीडिया में पिछले काफी समय से देशभर में सवाल उठाए जा रहे हैं।
गुणवत्ता का दावा करने वाली इस कंपनी के आटे में प्लास्टिक नुमा पाउडर मिक्स होने से लोगों ने वायरल हुए वीडियो के आधार पर मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायत पहुंची तो राज्य सरकार ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग से इस आटे की जांच कराने के आदेश दिए गए, इसकी पालना में बीकानेर से आई टीम ने शुक्रवार को रवीन्द्र पथ पर एक शोरूम में दबिश दी तो वहां शोरूम संचालक के अलावा पूरे शहर में इस कंपनी के आटा बेचने वालों में हड़कंप मच गया।
टीम ने रवीन्द्र पथ स्थित इस शोरूम में ब्रांडेड आटे का सैम्पल लिया। इसी तरह सादुलशहर में एक ब्रांडेड कंपनी का सरसों तेल की बिक्री के लिए वहां बड़ी दुकान पर छापा मार कर सैम्पल लिया। इस सरसों के तेल में सरसों की बजाय अन्य वस्तु डालकर बेचने की शिकायत थी, इस सरसों तेल का सैम्पल लेने की जानकारी जैसे दुकानदारों को मिली तो उनमें हड़कंप मच गया।
वीडियो वायरल का सच ढूंढने डेयरी फार्म पर तलाशी
होली पर सोशल मीडिया में नकली और सिंथेटिक दूध बनाने का एक वीडियो वायरल हो गया था। जिस पर दुग्ध डेयरी का जिक्र इस वीडियो में किया गया था, उसकी सच्चाई ढूंढने के लिए बीकानेर से आई इस टीम ने जांचा। लेकिन जांच में दूध डेयरी पर ऐसे उपकरण नहीं मिले जिससे यह नकली दूध बनाया जा रहा था। जांच अधिकारी ने स्वीकारा कि यह दूध तैयार किए जाने के वीडियो में संबंधित दुकान की पुष्टि हुई लेकिन वहां ऐसा दूध नहीं मिला। होली के आठ दिन बाद टीम पहुंचने पर लोगों को कार्रवाई में संदेह व्यक्त किया है।
कानून इतना पेचीदा कि सजा मुश्किल
मिलावटी वस्तु बेचने या अमानक पदार्थ रखने वाले दुकानदारों या निर्माता कंपनी के खिलाफ सैम्पल में यदि मिलावट पुष्टि भी हो जाए तो भी बचाव की गुंजाइश अधिक रहती है। कानूनविदों के अनुसार सैम्पल फेल होने पर दुकानदार अपने स्तर पर अपील करते हुए दो बार जांच करवा सकता है। पेचीदा प्रक्रिया के चलते अधिकारी भी सेम्पल भरने से परहेज करने लगे हैं।