scriptVideo : मौसम अनुकूल, सरसों-गेहूं को फायदा | advantage of weather to mustard crop | Patrika News

Video : मौसम अनुकूल, सरसों-गेहूं को फायदा

locationश्री गंगानगरPublished: Dec 07, 2017 09:38:44 pm

Submitted by:

vikas meel

– अमृत का काम कर रही ओस की बूंदें

mustard crop

mustard crop

श्रीगंगानगर.

क्षेत्र में मौसम अनुकूल होते ही सरसों के फूलों से खेत महकने लगे हैं। अगेती और पछेती सरसों का बिजान पूरा होने के बाद इस समय दोनों ही समय बिजाई की गई फसल बढ़वार पर होती है। बढ़वार के लिए 20 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान सही माना गया है, जो इस समय चल रहा है। वहीं रात के समय आ रही ओस रुपी बूंदे पानी की जरुरत को पूरा करती है। रबी सीजन का आगाज ही श्रीगंगानगर क्षेत्र में सरसों की फसल से होता है। जिले में इस वर्ष 2.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के मुकाबले 1.90848 लाख हेक्टेयर में सरसों का बिजान किया गया है।


सरसों फसल की तीन चुनौतियां

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार सरसों कम पानी में पकने वाली फसल है। इस फसल को बिजने से पकाव तक दो सिंचाई पानी की आवश्यकता होती है। पाला, सफेद रोली रोग और तना गलन रोग से अगर फसल बच जाए तो बहुत कम खर्च में ये फसल पक कर तैयार हो जाती है।


मधुमक्खी है लाभदायक

क्षेत्र में सरसों फसल जैसे ही फूलों पर आती है। मधुमक्खी पालन करने वाले किसान खेतों के आसपास डेरा डालकर बैठ जाते हैं। मधुमक्खियों के पैरों के साथ परागकण एक फूल से दूसरे फूल तक पहुंच जाते हैं, इससे फसल अच्छी होती है। अगर किसी खेत के आसपास मधुमक्खी पालन वाले होते हैं तो प्रति हेक्टेयर एक से दो क्विंटल तक पैदावार ज्यादा हो जाती है।


राजस्थान नंबर वन
भारतवर्ष में राजस्थान सरसों में अग्रणी है। इसमें क्षेत्रफल, उत्पादन, उत्पादकता तीनों ही क्षेत्रों में राजस्थान का नंबर वन है। इसका बीज गुणन अनुपात भी सबसे बढिय़ा है। फर्टीलाइजर की अगर बात करें तो ये न के बराबर डलती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य वाली फसलों में सरसों को शामिल किया गया है।

 

इनका कहना है
सरसों की फसल इस समय फूलों पर है, इसको बीस से बाइस डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की जरुरत होती है। अनुकूल मौसम के कारण अच्छी बढ़वार हो रही है। उत्पादन पर भी अच्छा असर होने की उम्मीद है। ओस सरसों के साथ गेहूं और अन्य फसलों के लिए भी फायदेमंद है।

मिलन्द सिंह, कृषि अनुसंधान अधिकारी शस्य।

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