scriptनरमा-कपास में सफेद मक्खी से सावधानी की सलाह | advise to be careful for narma-kapaas crops | Patrika News

नरमा-कपास में सफेद मक्खी से सावधानी की सलाह

locationश्री गंगानगरPublished: Jul 24, 2018 08:56:56 pm

Submitted by:

vikas meel

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श्रीगंगानगर.

खरीफ की प्रमुख फसलों में शामिल नरमा-कपास में विशेष सावधानी का समय आ गया है, लापरवाही से नुकसान है। सफेद मक्खी के लिए मौसम अनुकूल होने के कारण उसका प्रकोप होने लगा है। इसे देखते हुए किसानों को समय रहते, नीम आधारित छिड़काव का सहारा लेना चाहिए।

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कृषि विभाग के मुताबिक कपास की फसल बढ़वार की ओर है, किसानों को खेत का नियमित निरीक्षण करना चाहिए और किसी प्रकार की असामान्य स्थिति नजर आते ही कृषि विभाग के नजदीकी अधिकारी और कृषि वैज्ञानिकों से सम्पर्क कर सिफारिश के अनुसार जरूरी उपाय करने चाहिए।

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पहले कई बार सफेद मक्खी कपास उत्पादकों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। इसकी वजह से उत्पादन और गुणवत्ता घटी थी, उत्पादन लागत बढ़ी थी। पुराने अनुभव को ध्यान में रखते हुए संयुक्त निदेशक विजेंद्रसिंह नैण ने श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के अधिकारियों को सफेद मक्खी के संबंध में अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। विभाग की गोष्ठियां आदि में इस बारे में अलग से बताया जा रहा है।

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खरपतवार ना पनपने दें

दूसरी तरफ, कृषि अनुसंधान केंद्र की मंगलवार को जारी मौसम आधारित कृषि साप्ताहिकी में भी कपास में सावधानी रखने की सलाह दी गई है। इसके मुताबिक नरमा-कपास में कहीं-कहीं सफेद मक्खी दिखाई देने लगी है। खेतों का नियमित निरीक्षण करना चाहिए और आर्थिक हानि स्तर (8-12 सफेद मक्खी प्रति पत्ती) की स्थिति में नीम आधारित छिड़काव करना चाहिए। सफेद मक्खी की रोकथाम के लिए 32 से 48 पीले रंग का ट्रेप प्रति हेक्टेयर प्रयोग लेना चाहिए। देशी कपास में खरपतवार नहीं पनपने देना चाहिए।

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श्रीगंगानगर- हनुमानगढ़ में बुवाई

बीटी कॉटन-186806 हे.
नरमा-19602 हे.

देशी कपास-7421 हे.

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