कोरोनाकाल के बाद लोगों को आवाजाही का सुकून मिला लेकिन सीवर और पेयजल पाइप लाइन डालने की प्रक्रिया के दौरान पूरी सड़क ही खोद डाली है। खासतौर पर उन इलाके में जहां सड़क मार्ग की चौड़ाई महज बीस से बाइस फीट है। एेसी गलियों में इस खुदाई के दौरान बार बार पानी कनैक्शन टूट रहे है। जिसे जोडऩे के लिए देरी हो रही है। इससे लोगों की परेशानी अधिक हो गई है।
आरयूआइडीपी की ओर से एल एंड टी कंपनी को अधिकृत किया गया, इसके अलावा अन्य ठेकेदारों ने आगे ठेका लेकर काम करना शुरू किया। इन छोटे ठेकेदारों के पास सीमित संसाधनों की वजह से जवाहरनगर, जी ब्लॉक, एल ब्लॉक, दुर्गा विहार, सेतिया कॉलोनी आदि इलाके में बार बार सड़कों पर खड्ढे होने से आवाजाही का रास्ता बाधित हो गया है। जवाहरनगर एरिया पिछले तीन महीने से जवाहरनगर सैक्टर सात में पेयजल पाइप लाइन डालने का काम चल रहा है। लेकिन यह काम किस्तों में किया जा रहा है।
एक दिन एक साथ श्रमिक, जेसीबी और ट्रेक्टर ट्रॉलियां आती है। खुदाई के बाद फिर एक सप्ताह तक वहां कोई काम नहीं होता। इसके बाद पाइप लाइन डाली गई लेकिन डोर टू डोर कनैक्शन के लिए दो सप्ताह का अंतराल कर दिया। वापस जब तक काम शुरू हुआ तब तक पूरा महीने का समय बीत गया। यही क्रम हर गली और मोहल्ले में चल रहा है। सड़क बनाने के लिए अभी अधिकारी फीडबैक ले रहे है। दुर्गा विहार और सुखाडि़यानगर इलाका सुखाडि़या नगर और दुर्गा विहार इलाके में सीवर खुदाई का काम पिछले दो महीने से चल रहा है।
यहां अंडरग्राउण्ड पाइप लाइन बिछाने के लिए विशेष मशीनों की बजाय जेसीबी से सड़कें खोद कर पुराने ढर्रे की तर्ज पर काम चल रहा है। दुर्गा विहार की गलियां महज बीस फीट चौड़ी है। एेसे में वहां खुदाई होने से लोग अपने घरों से आवाजाही नहीं कर पा रहे है। जी और एल ब्लॉक इन दोनों ब्लॉक में दीपावली पर सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू हुआ था। लेकिन अब तक ज्यादा सार्थक परिणाम सामने नहीं आए है।
नगर परिषद सभापति के इस वार्ड में आरयूआईडीपी के अधिकारियों ने खुद मॉनीटरिंग भी की लेकिन ठेकेदार की मनमर्जी के कारण यह इलाका उजड़े एरिया की तरह लग रहा है।सेतिया कॉलोनी क्षेत्र सेतिया कॉलोनी के वार्ड तीस की गली नम्बर चार में सीवर खुदाई के दौरान पानी की लाइन टूट गई जिससे पूरी गली में पानी ही पानी हो गया। हालांकि पानी सप्लाई रोकी गर्ई है लेकिन टूटे पानी कनैक्शन को दुरुस्त नहीं किया गया है।