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कृषि पर्यटन से निखरेगी धरतीपुत्रों की किस्मत!

locationश्री गंगानगरPublished: Nov 30, 2021 06:52:51 pm

श्रीगंगानगर. देश में तेजी से विकसित हो रहा कृषि पर्यटन प्रदेश के धरतीपुत्रों की किस्मत में और भी निखार ला सकता है। इस संबंध में पिछले दिनों श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिले में किसानों से चर्चा कर संभावना भी तलाशी गई थी। प्रदेश में कृषि पर्यटन को विस्तार देने के लिए दोनों जिलों का माहौल अनुकूल है। यहां पंरपरागत व आधुनिक दोनों तरह की खेती का समावेश है तथा दोनों ही जिले कृषि नवाचारों के लिए भी जाने जाते हैं।

कृषि पर्यटन से निखरेगी धरतीपुत्रों की किस्मत!

कृषि पर्यटन से निखरेगी धरतीपुत्रों की किस्मत!

श्रीगंगानगर. देश में तेजी से विकसित हो रहा कृषि पर्यटन प्रदेश के धरतीपुत्रों की किस्मत में और भी निखार ला सकता है। इस संबंध में पिछले दिनों श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिले में किसानों से चर्चा कर संभावना भी तलाशी गई थी। प्रदेश में कृषि पर्यटन को विस्तार देने के लिए दोनों जिलों का माहौल अनुकूल है। यहां पंरपरागत व आधुनिक दोनों तरह की खेती का समावेश है तथा दोनों ही जिले कृषि नवाचारों के लिए भी जाने जाते हैं। यहां प्राचीन एवं ऐतिहासिक धार्मिक स्थल भी बड़ी संख्या में हैं। वैसे तो प्रदेश में एग्रो टूरिज्म (कृषि पर्यटन ) को बढ़ावा देने के लिए कुछ समय पहले जैसलमेर जिले में सग्रा भोजका में खजूर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में टेंट लगाकर सैलानियों को आकर्षित करने काम हुआ लेकिन यह काम अब बड़े स्तर पर करने की जरूरत है। विदित रहे कि इन दिनों कृषि एक व्यवसाय बनता जा रहा है लेकिन मिट्टी और भूमि की उर्वरता में कमी आई है। नहरी पानी पानी की कमी भी है। इसका असर पैदावार पर पड़ने लगा है। ऐसे में किसानों के लिए कृषि पर्यटन बढिया विकल्प है। कृषि पर्यटन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को इससे काफी मजबूती मिल सकती है।
दृश्य एक
महाराष्ट्र में फिल्मी सितारे सलमान खान व धर्मेन्द्र के फार्म हाउस पर धान व खेती करने के वीडियोज ने राज्य में कृषि पर्यटन को एक नया व्यवसाय बना दिया है। महाराष्ट्र में कृषि पर्यटन 29 जिलों में है और वहां 328 कृषि पर्यटन केंद्र काम कर रहे हैं।
दृश्य दो
हिमाचल प्रदेश सरकार ने कृषि के मामले में नया कदम उठाया है। वहां प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर कृषि और उद्यान को पर्यटन से जोडऩे का निर्णय किया है। इससे पर्यटन विकास बढेगा। इसके तहत कृषि विभाग ने एग्रो व फार्म पर्यटन योजना की तैयारी शुरू की है।
दृश्य तीन
पर्यटन को कृषि से जोडऩे के लिए मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में तैयारी हुई लेकिन कोरोना के कारण काम बाधित हुआ। अब नए निर्देश जारी होने पर ही इस पर काम होगा। इससे ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा तथा कई तरह के व्यवसाय भी शुरू होंगे।
कृषि पर्यटन के लाभ
-किसानों के लिए खेती के कार्यों का विस्तार करने का मौका मिलेगा तथा राजस्व में वृद्धि होगी।
-उपभोक्ता बाजारों में विकास होगा, परिणामस्वरूप रोजगार में वृद्धि होगी।
-स्थानीय स्तर पर उत्पादित कृषि वस्तुओं के बारे में जागरूकता बढ़ेगी।
-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कृषि भूमि के महत्व के बारे में पता चलेगा।
-खेत के उपजाऊ रहने की स्थिति में वृद्धि होगी, जिससे बदले में खेत के मिलने वाले अवसरों में वृद्धि होगी।
-प्रबंधन के कौशल और उद्यमिता की भावना में सुधार होगा।
-खेती के व्यवसाय से आत्मनिर्भर रहने का अवसर मिलेगा।
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किन्नू, गाजर एवं खजूर की कई जगह मांग
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में गेहूं, सरसों, कपास एवं गन्ने आदि फसलों के साथ खजूर, किन्नू, गाजर एवं गुलाब की खेती भी होती है। हनुमानगढ़ जिले में कुल 133 हैक्टेयर में खजूर के बाग लगे हैं। यहां से खजूर बांग्लादेश जाता है।श्रीगंगानगर जिले में किन्नू के बाग दो हजार एकड में लगे हैं। यहां से किन्नू बांग्लादेश, भूटान, रूस, चीन व बैंकाक तक जाता है। गाजर यहां 9 सौ हैक्टेयर में बोई गई है,जो कोलकाता, दिल्ली, गुजरात आदि स्थानों पर जाती है। इसी तरह श्रीगंगानगर में गुलाब की खेती चार-पांच सौ एकड में हो रही है जो अजमेर, पुष्कर व आसपास के इलाके में जाता है।
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हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिले ‘फॉर्म टूरिज्म’ में देश के बेस्ट डेस्टिनेशन बन सकते हैं। यहां फॉर्म टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। आवश्यकता इस बात की है कि भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय और राज्य पर्यटन विभाग दोनों जिलों को पर्यटन नक्शे पर लाए और थोड़ा सहयोग कर दे। पर्यटन क्षेत्र में अब स्पेशल इंट्रेस्ट ग्रुप के लोग भी बहुत हैं जो फॉर्म टूरिज्म की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। फार्म टूरिज्म में ज्यादा इनवेस्टमेंट की जरूरत नहीं है। खेत में चार पांच कमरे, लेट बाथ की और देशी खाने की सुविधा मिल जाए तो विश्व भर से पर्यटक यहां आ सकते हैं।
-दानाराम गोदारा, उप निदेशक, कृषि विभाग हनुमानगढ़
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कृषि पर्यटन में आवास भोजन और यात्रा की लागत बहुत कम होगी, यह पर्यटकों को बढ़ाने के लिए अहम होगा। कृषि पर्यटन कृषि के बारे में जानने के लिए उत्सुक पर्यटकों को संतुष्ट करेगा। यह बच्चों, मध्यम और निम्न वर्ग के परिवारों को कम कीमत पर मनोरंजन के अवसर भी देगा। इसके अलावा शहरी आबादी को ग्रामीण चिकित्सा ज्ञान के बारे में जानने में मदद मिलेगी, जो स्वदेशी है। जैविक खाद्य पदार्थों की आवश्यकता भी पूरी होगी। कृषि पर्यटन से शहरी आबादी अधिक शामिल होने से खेती के कार्यों में तकनीकी सुधार होगा।
– उम्मेदसिंह शेखावत, कृषि विशेषज्ञ, श्रीगंगानगर
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