अमूमन तौर पर आचार संहिता लगने के बाद बैकडेट में निर्माण कार्यो के एवज में भुगतान करने की शिकायतें अधिक आती है, प्रभावशाली जनप्रतिनिधि ऐसे भुगतान के लिए संबंधित पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों पर दबाव डालते है। लेकिन इन सभी पहलूओं को देखते हुए जिला परिषद प्रशासन ने जिले की सभी 336 ग्राम पंचायतों को ऑनलाइन कर दिया। ऐसे में बैकडेट में भुगतान की प्रक्रिया पर पूर्णतया रोक लगा दी गई है।
अब एक- एक पैसे खर्च करने के लिए बकायदा अनुमति लेनी पड़ रही है। हालांकि पड़ौसी जिले हनुमानगढ़ की जिला परिषद ने भी ग्राम पंचायतों को ऑनलाइन किया था लेकिन वहां राजनीतिक दखलदांजी के कारण भुगतान की प्रक्रिया अब चैक के माध्यम से होने लगी है।
प्रदेश में तत्कालीन राज्य सरकार ने वर्ष 2014 में प्रत्येक ग्राम पंचायत को ई- पंचायत करने के लिए घोषणा की थी लेकिन सरपंचों और जनप्रतिनिधियों ने इसका विरोध कर दिया था। इस कारण पूरे प्रदेश में यह स्कीम धरातल पर क्रियान्वित नहीं हो पाई। लेकिन श्रीगंगानगर जिला परिषद ने इस स्कीम को पूर्णतया लागू कर दी है।
रायसिंहनगर पंचायत समिति क्षेत्र ग्राम पंचायत छह-आठ एलपीएम में करीब डेढ़ लाख रुपए का भुगतान बैकडेट में सरपंच ने किया था, सरपंच ने यह राशि अपने पिता को उधार चुकाने के एवज में की। ग्राम सचिव ने रोकड़ बही में यह एंट्री बैकडेट से कर दी लेकिन जैसे ही यह राशि पिता के खाते में हस्तान्तरित हुई तो ई पंचायत के सॉ$फ्टेवयर में पकड़ में आ गई। अब जिला परिषद के सीईओ ने सरपंच, ग्राम सचिव से इस राशि को बिना अनुमति उठाने के संबंध में नोटिस तलब कर जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब नहीं देने पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए रायसिंहनगर बीडीओ को अधिकृत किया है।
जिले में अब सरपंच या ग्रामीण अब यह शिकायत नहीं कर सकते है कि निर्माण कार्यो या अन्य मदों के लिए बजट नहीं है या बजट का भुगतान देरी से हो रहा है। जिला परिषद में अब रोजाना बैंक की पास बुक की तर्ज पर ग्राम पंचायतों में खर्च किए जा रहे बजट या भुगतान के बारे में अपडेट जानकारी रहती है। विधायक और सांसद कोटे या स्वच्छ भारत मिशन, बीएडीपी या पंचायतराज या अन्य मदों में कितना कितना बजट खर्च हुआ या खर्च हो रहा है या भुगतान किया गया है या शेष बजट है, इन सभी की रिपोर्ट तैयार कर सीईओ की टेबल पर रहती है।
जिला परिषद के आंकड़ों के अनुसार अनूपगढ़, श्रीकरणपुर, श्रीगंगानगर, घड़साना, पदमपुर, रायसिंहनगर, श्रीविजयनगर, सूरतगढ़ और सादुलशहर पंचायत समितियों की 336 ग्राम पंचायतों में एक अप्रेल 2019 से लेकर अगस्त 2019 तक 57 करोड़ 76 लाख 60 हजार रुपए का बजट खर्च किया गया है।