केमिकल अमृतसर से चालीस किलोमीटर दूर एक शुगर मिल से डाले जाने का पता चलने पर पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रशासन के उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उसके बाद शुगर मिल को सीज कर दिया गया। केमिकल डाले जाने से व्यास नदी के पानी में बढ़े प्रदूषण का असर कम करने के लिए पोंग बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है। व्यास नदी का पानी राजस्थान की नहरों को भी मिलता है। पंजाब प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि शुगर मिल से सीरा और अन्य कोई केमिकल व्यास नदी में प्रवाहित किया लगता है। इससे नदी के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो गई और जीव-जंतु दम तोडऩे लगे। पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने पोंग बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ा है ताकि जीव-जंतुओं की मौत नहीं हो।
रात में डाला केमिकल
कपूरथला जिले के गांव डेलवां निवासी किसान निशान सिंह ने फोन पर ‘पत्रिकाÓ को बताया कि बुधवार शाम वह अपने खेत गया था तो व्यास नदी का पानी साफ था। गुरुवार सुबह वह पुन: खेत गया तो नदी का पानी मटमैला नजर आया और किनारे पर असंख्य जीव-जंतु मरे पड़े थे। किनारे पर आई दस-बारह फीट लंबी मछलियां भी अंतिम सांस ले रही थी। इस किसान ने बताया कि नदी में डाले गए केमिकल से 30-40 किलोमीटर क्षेत्र में पानी का रंग मटमैला हो गया है। कुछ लोग मछलियों को उठाकर ले गए। लेकिन बाद में नदी में डाल गए।
मौके पर जाकर देखेंगे
पंजाब से नहरों में आ रहे प्रदूषित पानी के खिलाफ अभियान चला रहे किसान संघर्ष समिति के सुभाष सहगल और अमरसिंह बिश्नोई ने बताया कि पंजाब की औद्योगिक इकाइयों ने सतलुज और व्यास नदियों को कूड़ादान बना दिया है। पंजाब सरकार ऐसे उद्योगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करती, इसलिए ऐसी घटनाएं लगातार हो रही है। सहगल ने बताया कि स्थिति का जायजा लेने के लिए वे शुक्रवार को पंजाब जा रहे हैं और इस संबंध में अपनी आपत्ति पंजाब सरकार को दर्ज करवाएंगे।