भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावों में प्रलोभन की प्रवृत्ति पर अंकुश के लिए पहली बार इस एप की शुरुआत की है। जिला निर्वाचन ज्ञानाराम ने बताया कि इस एप को कोई भी नागरिक डाउनलोड कर सकता है तथा वह अपने आसपास आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन या मतदाताओं के प्रलोभन की फोटो या वीडियो इस पर अपलोड कर जागरूक नागरिक की भूमिका का निर्वहन कर सकता है।
इस एप को खोलने पर सर्वप्रथम स्क्रीन पर सिटीजन लिखा दिखेगा। इसका मतलब है कि एप आमजन के लिए है और वह इसका उपयोग कर सकते हैं। इस ऐप में कम से कम एक व अधिकतम 10 फोटो व 2 मिनट के वीडियो अपलोड किए जा सकते हैं।
एप में यह ऑप्शन
सिविजिल एप में सिटीजन के बाद जिला नियंत्रक का ऑप्शन होगा। इसके बाद इन्वेस्टीगेटर का ऑप्शन है, जिसे फ्लाइंग स्क्वॉड की ओर से ऑपरेट किया जाएगा। इसमें 30 मिनट का समय रहेगा। इसके बाद डिसाइडर का ऑप्शन होगा, जिसे संबंधित रिटर्निंग अधिकारी ऑपरेट करेंगे। इसके लिए निर्धारित समय रहेगा। रिटर्निंग अधिकारी के बाद ऑब्जर्वर ऑप्शन है, जो चुनाव पर्यवेक्षकों के लिए है तथा अंत में मॉनिटर का ऑप्शन दिया गया है, जो भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन विभाग तथा जिला निर्वाचन अधिकारी के लिए रहेगा। प्रलोभन के साथ बिना मंजूरी के पोस्टर बैनर लगाने, पेड न्यूज और मतदाताओं को मतदान के लिए वाहन पर ले जाने की फोटो और वीडियो भी सिविजिल एेप पर अपलोड की जा सकेगी।
सिविजिल एप में सिटीजन के बाद जिला नियंत्रक का ऑप्शन होगा। इसके बाद इन्वेस्टीगेटर का ऑप्शन है, जिसे फ्लाइंग स्क्वॉड की ओर से ऑपरेट किया जाएगा। इसमें 30 मिनट का समय रहेगा। इसके बाद डिसाइडर का ऑप्शन होगा, जिसे संबंधित रिटर्निंग अधिकारी ऑपरेट करेंगे। इसके लिए निर्धारित समय रहेगा। रिटर्निंग अधिकारी के बाद ऑब्जर्वर ऑप्शन है, जो चुनाव पर्यवेक्षकों के लिए है तथा अंत में मॉनिटर का ऑप्शन दिया गया है, जो भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन विभाग तथा जिला निर्वाचन अधिकारी के लिए रहेगा। प्रलोभन के साथ बिना मंजूरी के पोस्टर बैनर लगाने, पेड न्यूज और मतदाताओं को मतदान के लिए वाहन पर ले जाने की फोटो और वीडियो भी सिविजिल एेप पर अपलोड की जा सकेगी।
दुरुपयोग नहीं होगा
एप में दुरुपयोग रोकने की विशेषताएं भी हैं। अभी यह केवल उन राज्यों में सक्रिय होगा जहां विधानसभा चुनाव की घोषणा की गई है। यह एप सबूत भेजने वाले की पहचान का खुलासा किए बगैर फोटो और वीडियो सबूत साझा करने की सुविधा भी प्रदान करता है। इससे फोटो और वीडियो अपलोड करने वाले की पहचान गोपनीय रहती है।
एप में दुरुपयोग रोकने की विशेषताएं भी हैं। अभी यह केवल उन राज्यों में सक्रिय होगा जहां विधानसभा चुनाव की घोषणा की गई है। यह एप सबूत भेजने वाले की पहचान का खुलासा किए बगैर फोटो और वीडियो सबूत साझा करने की सुविधा भी प्रदान करता है। इससे फोटो और वीडियो अपलोड करने वाले की पहचान गोपनीय रहती है।
प्रतिबंधात्मक आदेश की अवधि बढ़ी
श्रीगंगानगर. जिला कलक्टर व जिला मजिस्ट्रेट ज्ञानाराम ने श्रीगंगानगर जिले से सटी भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा की दो किलोमीटर की पट्टी में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश के तहत पूर्व में जारी आदेश की अवधि आगामी 6 माह तक बढ़ा दी है।
श्रीगंगानगर. जिला कलक्टर व जिला मजिस्ट्रेट ज्ञानाराम ने श्रीगंगानगर जिले से सटी भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा की दो किलोमीटर की पट्टी में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश के तहत पूर्व में जारी आदेश की अवधि आगामी 6 माह तक बढ़ा दी है।