नगर परिषद के तत्कालीन सभापति जगदीश जांदू ने क्लीन गंगानगर ग्रीन गंगानगर का नाम देकर अभियान शुरू करने की घोषणा की थी लेकिन इस दिशा में अब तक चंद कदम चल पाए है। स्वच्छता सर्वेक्षण के सर्वे के दौरान सबसे कमजोर कड़ी कचरा प्लांट नहीं होना है। हर साल सर्वेक्षण टीम कचरा प्लांट नहीं होने के कारण हमारे शहर की स्वच्छता के संबंध में तय किए गए अंक नहीं मिलते। इस कारण मूल्यांकन की दिशा में हमारा शहर पिछड़ रहा हैं। सफाई व्यवस्थाओं में लगी टीमों का कहना है कि कचरा प्लांट बन जाएं तो स्वच्छता सर्वेक्षण की सूची में हमारा शहर टॉप टन में आएगा। Our city Sriganganagar lags behind in cleanliness survey due to non-construction of garbage plant
शहरी क्षेत्र में कचरा जी का जंजाल बना हुआ है। शहर के 65 वार्डो से रोजाना 86 टन कचरे निकलता है। इस कचरे को चक 6 जैड स्थित नगर परिषद की ओर साढ़े बारह बीघा भूमि में बनाए गए डंपिंग प्वाइंट पर डाला जा रहा है। लगातार कचरा डालने से इस भूमि की मिट्टी भी खराब हो चुकी है। इस संबंध में राज्य सरकार ने पिछले दिनों केन्द्र सरकार से पूरे प्रदेश में कचरा निस्तारण की प्लानिंग बनाई है। इस में बताया गया गया है कि ऐसे कचरे से जहरीली बन रही जमीन को बचाने के लिए कचरा प्लांट स्थायी समाधान है। Our city Sriganganagar lags behind in cleanliness survey due to non-construction of garbage plant
प्रदेश के चौबीस शहरों में 473 एकड़ भूमि पर पड़े 45 लाख मीट्रिक टन कचरे का स्थायी निस्तारण के लिए प्रस्तावित कचरा प्लांट पर 250 करोड़ रुपए का बजट खर्च होने का अनुमान है। इसमें केन्द्र सरकार का 33 प्रतिशत और राज्य सरकार का भी 33 प्रतिशत हिस्सा कुल 66 प्रतिशत बजट देानेां सरकारों से मिलेगा। शेष 34 प्रतिशत स्थानीय निकाय यानि नगर परिषद को देने का प्रावधान तय किया गया है। वैज्ञानिक तरीके से मुक्त होने वाले ऐसे प्लांट के लिए केन्द्र सरकार ने अपने हिस्से का बजट 74.31 करोड़ रुपए में से पहली किस्त के रूप में 29.72 करोड़ रुपए अगले दो महीने में जारी करने के संबंध में आदेश भी जारी किए है। Our city Sriganganagar lags behind in cleanliness survey due to non-construction of garbage plant
बीकानेर संभाग में रोजाना कचरा निकालने में हमारा शहर दूसरे स्थान पर है। पहला स्थान पर बीकानेर मुख्यालय है। जहां रोजाना 664 टन कचरा निकलता है। जबकि श्रीगंगानगर शहर में प्रतिदिन 86 टन कचरे निकाला जा रहा हैं।
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शहरी क्षेत्र में कचरा जी का जंजाल बना हुआ है। शहर के 65 वार्डो से रोजाना 86 टन कचरे निकलता है। इस कचरे को चक 6 जैड स्थित नगर परिषद की ओर साढ़े बारह बीघा भूमि में बनाए गए डंपिंग प्वाइंट पर डाला जा रहा है। लगातार कचरा डालने से इस भूमि की मिट्टी भी खराब हो चुकी है। इस संबंध में राज्य सरकार ने पिछले दिनों केन्द्र सरकार से पूरे प्रदेश में कचरा निस्तारण की प्लानिंग बनाई है। इस में बताया गया गया है कि ऐसे कचरे से जहरीली बन रही जमीन को बचाने के लिए कचरा प्लांट स्थायी समाधान है। Our city Sriganganagar lags behind in cleanliness survey due to non-construction of garbage plant
प्रदेश के चौबीस शहरों में 473 एकड़ भूमि पर पड़े 45 लाख मीट्रिक टन कचरे का स्थायी निस्तारण के लिए प्रस्तावित कचरा प्लांट पर 250 करोड़ रुपए का बजट खर्च होने का अनुमान है। इसमें केन्द्र सरकार का 33 प्रतिशत और राज्य सरकार का भी 33 प्रतिशत हिस्सा कुल 66 प्रतिशत बजट देानेां सरकारों से मिलेगा। शेष 34 प्रतिशत स्थानीय निकाय यानि नगर परिषद को देने का प्रावधान तय किया गया है। वैज्ञानिक तरीके से मुक्त होने वाले ऐसे प्लांट के लिए केन्द्र सरकार ने अपने हिस्से का बजट 74.31 करोड़ रुपए में से पहली किस्त के रूप में 29.72 करोड़ रुपए अगले दो महीने में जारी करने के संबंध में आदेश भी जारी किए है। Our city Sriganganagar lags behind in cleanliness survey due to non-construction of garbage plant
बीकानेर संभाग में रोजाना कचरा निकालने में हमारा शहर दूसरे स्थान पर है। पहला स्थान पर बीकानेर मुख्यालय है। जहां रोजाना 664 टन कचरा निकलता है। जबकि श्रीगंगानगर शहर में प्रतिदिन 86 टन कचरे निकाला जा रहा हैं।
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जिला कचरा टनों में क्षेत्रफल एकड़ में
श्रीगंगानगर 86.91 26.07
हनुमानगढ़ 66.18 17.57
बीकानेर 664.658 12.88
चुरू 64.89 8.93
श्रीगंगानगर 86.91 26.07
हनुमानगढ़ 66.18 17.57
बीकानेर 664.658 12.88
चुरू 64.89 8.93