script‘कला और साहित्य देते हैं विफलताओं का सामना करने की शक्ति’ | Asgar vajahat International film festival of Sriganganagar | Patrika News

‘कला और साहित्य देते हैं विफलताओं का सामना करने की शक्ति’

locationश्री गंगानगरPublished: Jan 22, 2019 09:01:41 pm

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Rajaender pal nikka

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‘कला और साहित्य देते हैं विफलताओं का सामना करने की शक्ति’

-इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ श्रीगंगानगर में बोले लेखक और नाटककार असगर वजाहत

श्रीगंगानगर.लेखक और नाटककार असगर वजाहत ने कहा है कि कला और साहित्य व्यक्ति को विफलताओं का समाना करने की शक्ति देते हैं। जब व्यक्ति जीवन में सफल हो जाता है तब भी वह रहता मानव ही है, सुपर मानव नहीं बन जाता। ऐसे में उसके सामने कई बार परेशानियां भी आती है। वह निराश भी होता है, विफल भी होता है ऐसे में इन परिस्थितियों का सामना करने का गुर व्यक्ति को कला और साहित्य ही सिखाते हैं। वे मंगलवार को नोजगे पब्लिक स्कूल सभागार में इंटरनेशलन फिल्म फेस्टिवल ऑफ श्रीगंगानगर के दौरान ‘लेखक’ समाज और सिनेमा विषयक परिचर्चा के दौरान संबोधित कर रहे थे।

फेस्टिवल के फाउंडर डायरेक्टर सुभाष सिंगाठिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि लेखक को अपने लिए नहीं बल्कि पाठक के लिए लिखना चाहिए। उसे वह लिखना चाहिए जो कि लेखक पढ़े और पाठक किसी लिखे हुए साहित्य को तब ही पढ़ेगा जब कि वह अच्छा हो।
उन्होंने कहा कि साहित्य लिखने वाले को सिखाता है तथा पढऩे वाले को बताते है। इस प्रकार वह समाज में ऐसी प्रक्रिया शुरू करता है जो कि लिखने और पढऩेवाले दोनों के हित में होती है। इससे पूर्व विद्यालय की प्राचार्य निम्फिया सूदन ने शिक्षा व्यवस्था से संबंधित जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि विश्व के कई देश ऐसे हैं जिसमें परीक्षा लेने से पूर्व विद्यार्थियों से इसकी आवश्यकता के बारे में चर्चा की जाती है।
इन फिल्मों का किया प्रदर्शन
फिल्म फेस्टिवल के दौरान भारतीय निर्देशक संदीप कुमार की फिल्म महाकुंभ, सुदिप्तो सेन की गुरुजी अहैड ऑफ टाइम, अर्नब मिदोया की अंदरकाहिनी, गुरमीत बराड़ की लघु फिल्म हिजरत,जर्मनी के निर्देशक एस प्लेंटनर की द लिटिल फिश एंड द क्रोकोडाइल, जे मारिया एबरिन सेंटोस की फिल्म लव दैट रिमेन्स, कोसोवो के निर्देशक ए.अलिहाजदराज की फिल्म द रेमिग्रांट,आस्ट्रेलिया के निर्देशक सी. इसेनबर्ग की डार्क सोशल, जे कारासेक की फिल्म डेर ऑस्फ्लग द कैंपिंग ट्रिप, जर्मनी के एन सिंटेंजे की फिल्म डेर मेनमिट डेम फेहरार्ड- द मैन विद बाइसाइकिल, भारतीय फिल्म गुटरगूं सहित देश विदेश की कई फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
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