किसानों ने कहा कि पहले बीस दिन की नहरबंदी ली गई,नहरों के पूरी तरह से रख-रखाव,साफ-सफाई व प्रेशर वॉल्व आदि बंद नहीं किए गए। अब कॉटन की बुवाई का समय है और सिंचाई पानी मिल नहीं रहा है। गन्ना व बागवानी की फसल बर्बाद हो रही है। इसको लेकर इलाके के किसानों में जल संसाधन विभाग,जिला प्रशासन व राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश है।
किसानों ने कलक्टर से कहा कि गंगनगर में पेयजल के नाम पर 600 क्यूसेक पानी चलाया जा रहा है। इसकी जल संसाधन विभाग के संरक्षण में बंदरबांट की जा रही है। जल संसाधन विभाग को चाहे एक नहर चले,या दो पानी का वरीयताक्रम तय कर सिंचाई के लिए किसानों को पानी दिया जाना चाहिए। इस पर कलक्टर ने मौके पर जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता धीरज चावला को बुलाकर पानी वितरण तय करने के लिए निर्देश दिए।
-खाद-बीज व स्पेयर पाट्र्स की दुकानों को मिले पूरी छूट किसानों ने जिला कलक्टर से मिलकर गंगनहर में सिंचाई पानी 2500 क्यूसेक चलाने,खाद-बीज व स्पयेर पाट्र्स की दुकानें किराना की दुकानों की तर्ज पर खुलवाने की मांग को लेकर जिला कलक्टर जाकिर हुसैन को ज्ञापन दिया गया। शिष्टमंडल में जीकेएस के संयोजक रणजीत सिंह राजू,गिलैक्सी बराड़,राकुमार सहारण,जसवंत घणघस,शिशपाल सिहाग,औंकार सिह व बेअंत सिंह आदि शामिल हुए।
—————
-सिंचाई पानी के लिए सीएम से बात करो
किसान गंगानगर विधायक राजकुमार गौड़ से भी मिले और किसानों ने गौड़ से आग्रह किया कि गंगनहर में सिंचाई पानी बढ़ाने के लिए आप सीएम से बात कीजिए। किसानों ने कहा कि सिंचाई पानी नहीं मिलने पर अब कॉटन की बुवाई प्रभावित हो रही है। गौड़ ने सीएम से बात कर किसानों को सिंचाई पानी बढ़ाने का आश्वासन दिया।
-पहले बैठक,फिर कलक्टर से मुलाकात जीकेएस से जुड़े किसानों की सोमवार को पहले गुरुद्वारा सिंह सभा में हुई बैठक में गंगनहर में 2500 क्यूसेक सिंचाई पानी चलाने की मांग की। इसके बाद चर्चा कर सीएम के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन देना तय किया गया। साथ ही यह भी निर्णय किया गया सिंचाई पानी में बढ़ोतरी नहीं की तो किसान आंदोलन करेंगे।