इधर, शहर के बाईस वार्डों की सफाई के लिए ठेका हो चुका है लेकिन डीएलबी से मंजूरी अभी नहीं मिल पाई है। ठेके की पुष्टि कराने के लिए परिषद के सचिव लाजपतराय बिश्नोई, लेखा सहायक मदनलाल डूडी और लिपिक विनोद गर्ग पिछले दो दिन से जयपुर में डेरा डाले हुए हैं। आयुक्त ने बताया कि डीएलबी से पुष्टि होने के बाद सफाई व्यवस्था में आ रही अड़चन को दूर कर लिया जाएगा। इस बीच शहर में जिन वार्डों में ठेके के अस्थायी सफाई कार्मिक करते थे, वहां अब हालात खराब अधिक हो रहे हैं। कचरे का उठाव नहीं हो रहा है तो सड़कों पर बुहारी तक नहीं लग रही है। ऐसे में आयुक्त ने एक फर्म को तीस सफाई कर्मियों के लिए अधिकृत किया है, यह ठेका फर्म इन सफाई कर्मियों को अलग-अलग वार्डो में जाकर सफाई करवाएगी।
पिछले एक साल से नगर परिषद प्रशासन ने शहर के मुख्य नालों की समुचित सफाई नहीं कराई है, इसकी पोल उस समय खुली जब मंगलवार को मामूली बरसात से पानी की निकासी नहीं हो पाई। बुधवार को परिषद की टीम मुख्य नाले के उन प्वाइंटों को खुलवाने के लिए दौड़ी जहां जहां सिल्ट अधिक जमी हुई है। कबीर चौक के पास मुख्य नालों की हालत इस कदर है कि वहां से पानी गुरुनानक बस्ती गड्ढे तक पहुंच नहीं रहा है।