पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले में प्रत्येक थाने में पुलिस कर्मियों का बीट सिस्टम में लगाया हुआ है। जिससे बीटों में होने वाली गतिविधियों और वहां किराए के मकानों, पीजी, हॉस्टलों आदि में आकर ठहरने वाले लोगों की जानकारी जुटाई जा सके। किराएदारों के सत्यापन में ढिलाई बरतने वाले पुलिसकर्मी खुद इसके लिए जिम्मेदार होंगे। इसके अलावा किराएदारों का सत्यापन नहीं कराने वाले मकान मालिकों के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
कोई भी करा सकता है सत्यापन
पुलिस कर्मियों ने बताया कि मकान मालिकों को किराएदारों का सत्यापन करना जरूरी है। इसके लिए मकान मालिक किराएदारों के पहचान के दस्तावेजों के साथ बीट प्रभारी या थाने में संपर्क कर सकता है। किराएदार के दस्तावेज मिलने के बाद पुलिस उसका संबंधित इलाके में सत्यापन कर लेती है। वहीं बीट प्रभारी व थाने में किराएदारों का रिकॉर्ड रखा जाता है।
शरण ले चुके हैं कई बड़े अपराधी
पिछले कुछ सालों में जिले में पंजाब, हरियाणा व आसपास के जिलों के कई बड़े अपराधी किराए के मकानों में शरण ले चुके हैं और यहां संगीन वारदातों को अंजाम देने के बाद फरार हो गए। उनके पकड़े जाने के बाद इसका खुलासा होता है कि यहां किसी कॉलोनी में किराए के मकान या पीजी में रह रहा था। पंजाब के गैंगस्टर भी यहां शरण ले चुके हैं। इसके अलावा हरियाणा का दीपक मलिक, पंकज हत्याकांड के आरोपित, पंजाब जेल से फरार आरोपित सहित अन्य अपराधी यहां आकर रुक चुके हैं।