पीडि़त किसान धर्मा बावरी व उसके चार पुत्रों ने बताया कि एक तरफ मुआवजा नहीं दिया जा रहा। वहीं, दूसरी तरफ भारत माला सडक़ निर्माण करने वाली एजेंसी की ओर से सिंचाई खाळे तथा स्वीकृत रास्ते को बंद कर खेत में आने जाने में बाधा बन गई है। धरने पर भीयांराम, सुखराम, सलावत खां, हेतराम, चंदूड़ी देवी, सिरमीदेवी, गुमानाराम सहित अन्य पीडि़त किसानों ने निर्माण कार्य में लगी मशीनरी के आगे बैठकर पहिए थाम दिए। निर्माण एजेंसी ने समझाइश की तो किसान तैश में आ गए और आत्महत्या की चेतावनी दे दी। इसके बाद ठेकेदार व कर्मचारी वहां से चलते बने। इधर प्रशासन पटवारी को मौके पर भेजा।
इस संबंध में एसडीएम संजू पारीक ने बताया कि भारत माला सडक़ निर्माण के लिए अधिग्रहित कृषि भूमि के मुआवजा वितरण के लिए राजस्व विभाग ने ए, बी, सी श्रेणी तय कर रखी है। बिलकुल विवाद नहीं होने वाली भूमि को ए तथा रिकार्ड दुरस्ती की खामी जैसे प्रकरण बी तथा न्यायालय में विवादस्पद विचाराधीन राजस्व मामलों को सी श्रेणी में रखा गया है। ए व बी श्रेणी के वाले किसानों को मुआवजा अतिशीघ्र बैंक खातों में जमा करा दिया जाएगा।