अब भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने अपने ऑफिस जिला मुख्यालय पर मैरिज पैलेसों में संचालित हो रहे है। इन पैलेसों में कार्यकर्ताओं को सीमित संख्या में बुलाया जाता है, ज्यादातर तो पार्टी पदाधिकारी ही आकर समय समय पर संबंधित दलों के राष्ट्रीय नेताओं या हस्तियों की जयंती या पुण्य तिथि कार्यक्रम आयोजित करते है।
इन पैलेसों में जब जब भी पार्टी के बड़े पदाधिकारी या जनप्रतिनिधि या बड़े कार्यक्रम का आयोजन करना हो तो पूरे मैरिज पैलेस का इस्तेमाल किया जाता है। भाजपा ने श्रीपैलेस मैरिज के अंदर एक कमरे में ऑफिस बनाया है। वहीं कांग्रेस ने कोडा चौक पर मोती पैलेस में बकायदा अलग से ऑफिस बनाया हुआ है।
कांग्रेस का दफ्तर पुरानी धानमंडी में दुकान नम्बर एक में संचालित होता था, यह दुकान नगर परिषद के पूर्व सभापति जगदीश जांदू की थी। वहां से यह शिफ्ट होकर रवीन्द्र पथ पर पहुंचा, वहां भवन मालिक ने ऑफिस खाली करवा लिया तो इसे रेलवे स्टेशन क्षेत्र केदार चौक के पास एक दुकान में शिफ्ट कर दिया गया।
लेकिन वहां भी किराये की दुकान खाली कराने की शिकायतें कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय तक शिकायतें पहुंची तो उसे सूरतगढ़ में एक मकान में शिफ्ट कर दिया, वहां से यह मोती पैलेस में भिजवा दिया। इस मोती पैलेस के संचालक संतोष सहारण है, सहारण खुद कांग्रेस जिलाध्यक्ष भी है।
इधर, भाजपा ने भी अपने ऑफिस का ठिकाना बदलने का सिलसिला अब तक बंद नहीं किया है। भाजपा का पुराना ऑफिस पुरानी धानमंडी में था, वहां से यह सी ब्लॉक में पहुंचा, वहां से यह मीरा चौक पर भाजपा के पदाधिकारी प्रहलाद टाक के गोदाम में शिफ्ट किया गया लेकिन विधानसभा चुनाव में टाक को टिकट नहीं मिली तो भाजपा ने यह ऑफिस विधानसभा प्रत्याशी विनीता आहुजा के पति डा. दर्शन आहुजा के सुखाडि़या मार्ग पर स्थित जुबिन हॉस्पिटल भवन में स्थानान्तरित करवा लिया। वहां से भाजपा प्रदेश प्रतिनिधि और पूर्व पार्षद जुगल डूमरा के श्रीपैलेस में शि$फट कर दिया है।
कांग्रेस की प्रदेश में सरकार है लेकिन जिला मुख्यालय पर सुखाडि़या मार्ग पर एसडी बिहाणी खेल मैदान के पास महज चार दीवारी बनाकर छोड़ दिया गया है। वहां भवन निर्माण नहीं हो पाया है। इसके लिए कम से कम डेढ़ करोड़ रुपए के बजट की जरुरत है। यूआईटी की ओर से कांग्रेस भवन बनाने के लिए भूखण्ड दिया गया था। इस भवन के लिए इंदिरा ट्रस्ट बनाया गया था, तब विवाद इतना अधिक बढ़ा कि कांग्रेस के एक गु्रप ने कोर्ट में प्रकरण दायर कर दिया। लेकिन बाद में सहमति बनने के कारण यह विवाद समाप्त हो गया।
भाजपा ने खुद का ऑफिस बनाने के लिए पार्टी के प्रदेश मुख्यालय से आदेश के बाद नगर विकास न्यास से बकायदा भूखण्ड खरीद किया गया। यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष संजय महीपाल की अगुवाई में इस भवन निर्माण के लिए शिलान्यास भी कराया गया है।
लेकिन प्रदेश में सरकार बदलते ही यह निर्माण कार्य बंद हो गया है। इस भवन पर करीब पचास से अस्सी लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह बजट मुख्यालय से मिलने का दावा किया जा रहा है, शेष राशि पदाधिकारी आपस में चंदे से करवाएंगे।
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बजट आया तो बनाएंगे भवन
यह सही है कि कांग्रेस दफ्तर का विवाद पहले कोर्ट में पहुंचा था, बाद में यह निपट चुका है। पिछले काफी समय से कांग्रेस का भवन निर्माण नहीं हो पाया है। महज चारदीवारी बनाकर छोड़ा गया है। इस भवन के लिए कम से कम डेढ़ करोड़ रुपए का बजट और मंजूरी के लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी से पत्र व्यवहार किया गया है। इस संबंध में सीएम अशोक गहलोत को भी अवगत कराया जाएगा।
– संतोष सहारण, जिलाध्यक्ष कांग्रेस
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इस साल पूरा हो जाएगा भवन
इस साल में भाजपा ऑफिस का भवन बन जाएगा। डेढ़ साल पहले पूरे प्रदेश में हर जिले के जिला मुख्यालय पर भाजपा ऑफिस बनाने का ठेका दिया गया था, सूरतगढ़ मार्ग पर ओरबिट पैलेस के सामने निर्मााणाधीन इस भवन में नीचे चार कमरे और उपर एक बड़ा हॉल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। नक्शे में बदलाव होने के कारण कुछ दिनों से यह निर्माण कार्य रोका गया है। उम्मीद है कि साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।
– आत्माराम तरड़, जिलाध्यक्ष भाजपा