श्रीगंगानगर.अत्यधिक गर्मी के कारण पारा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इस बीच विद्युत कटौती से आम व्यक्ति का जीन-जीवन प्रभावित हो रहा है। श्रीगंगानगर सहित राज्य भर में कोयला का संकट बना हुआ है। इस कारण बहुत से विद्युत उत्पादन इकाईयां ठप हो चुकी है और विद्युत उत्पादन कम हो रहा है। इस कारण श्रीगंगानगर जिले में विद्युत आपूर्ति मांग की तुलना में 35 प्रतिशत कम मिल रही है। इस कारण जिला मुख्यालय पर दो घंटे,नगर पालिका क्षेत्र में तीन और ग्रामीण क्षेत्र में आठ से नौ घंटे तक विद्युत कटौती की जा रही है। यह निगम के अधिकारियों का दावा है जबकि सच्चाई यह है कि इस भंयकर गर्मी में जिला मुख्यालय,नगर पालिका क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र में दो घंटे से लेकर 12 घंटे तक विद्युत कटौती की जा रही है। इस बीच बार-बार विद्युत कट लग रहे हैं।
वहीं,विद्युत कटौती को लेकर मुख्यमंत्री ने वीसी के माध्यम से जिला कलक्टर से बातचीत की और विद्युत सप्लाई का सिस्टम पर पूरा फोकस रखने की हिदायत दी गई। वीसी में जोधपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता वीआइ परिहार सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए। वीसी में विद्युत मांग,आपूर्ति और कटौती आदि पर विस्तृत चर्चा की गई।
वहीं,विद्युत कटौती को लेकर मुख्यमंत्री ने वीसी के माध्यम से जिला कलक्टर से बातचीत की और विद्युत सप्लाई का सिस्टम पर पूरा फोकस रखने की हिदायत दी गई। वीसी में जोधपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता वीआइ परिहार सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए। वीसी में विद्युत मांग,आपूर्ति और कटौती आदि पर विस्तृत चर्चा की गई।
जलापूर्ति का सिस्टम भी हुआ प्रभावित ------
विद्युत सप्लाई सिस्टम गड़बड़ाने से शहरी व ग्रामीण अंचल में जलापूर्ति की व्यवस्था भी पटरी से उतर रही है। जिला मुख्यालय सहित नगर पालिका क्षेत्र में अधिकांश कॉलोनियों में निर्धारित समय पर जलापूर्ति नहीं हो रही है। जबकि नगर पालिका और ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए ग्रामीणों को बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है। वहीं, विद्युत कटौती के खिलाफ भाजपा ने श्रीगंगानगर जिले भर में जगह-जगह जीएसएस पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया है। इसमें विद्युत विद्युत कटौती नहीं करने की मांग की गई।
विद्युत सप्लाई सिस्टम गड़बड़ाने से शहरी व ग्रामीण अंचल में जलापूर्ति की व्यवस्था भी पटरी से उतर रही है। जिला मुख्यालय सहित नगर पालिका क्षेत्र में अधिकांश कॉलोनियों में निर्धारित समय पर जलापूर्ति नहीं हो रही है। जबकि नगर पालिका और ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए ग्रामीणों को बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है। वहीं, विद्युत कटौती के खिलाफ भाजपा ने श्रीगंगानगर जिले भर में जगह-जगह जीएसएस पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया है। इसमें विद्युत विद्युत कटौती नहीं करने की मांग की गई।
-जिला मुख्यालय: सुबह 6.30 से 10.30 बजे तक -विद्युत निगम का दावा-दो घंटे विद्युत कटौती की गई,जबकि दो घंटे के अलावा जिला मुख्यालय पर कई क्षेत्रों में बार-बार विद्युत कट लगाए गए। मौसम विभाग और कृषि उपज मंडी समिति फीडर में सुबह 6.30 से 11 बजे तक क्षेत्र में विद्युत सप्लाई बंद रही।
-नगर पालिका क्षेत्र: सुबह छह से नौ बजे तक
-नगर पालिका क्षेत्र: सुबह छह से नौ बजे तक
-विद्युत निगम का दावा-तीन घंटे के अलावा भी बार-बार विद्युत कट लगाए गए। ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत कटौती
आठ से 12 घंटे तक विद्युत कटौती 220 केवी जीएसएस-श्रीगंगानगर-रात्रि 10 बजे से 2 बजे तक और सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक--लालगढ़,सादुलशहर,नेतेवाला,मिर्जेवाला,हिंदुमलकोट,साधुवाली,मनफूलसिंहवाला व गणेशगढ़ आदि।
-विभाग का दावा कि ग्रामीण क्षेत्र में नौ घंटे बिजली कटौती की गई है। जबकि सच्चाई यह है कि इस क्षेत्र में दस से साढ़े दस घंटे तक विद्युत कटौती की गई।
आठ से 12 घंटे तक विद्युत कटौती 220 केवी जीएसएस-श्रीगंगानगर-रात्रि 10 बजे से 2 बजे तक और सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक--लालगढ़,सादुलशहर,नेतेवाला,मिर्जेवाला,हिंदुमलकोट,साधुवाली,मनफूलसिंहवाला व गणेशगढ़ आदि।
-विभाग का दावा कि ग्रामीण क्षेत्र में नौ घंटे बिजली कटौती की गई है। जबकि सच्चाई यह है कि इस क्षेत्र में दस से साढ़े दस घंटे तक विद्युत कटौती की गई।
सूरतगढ़ 220 केवी जीएसएस-रात्रि दो बजे से सुबह छह बजे तक और दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक सूरतगढ़,श्रीविजयनगर,अनूपगढ़,घड़साना,जैतसर,राजियासर व रामसिंहपुर आदि। --निगम का दावा की इस क्षेत्र में दस घंटे से अधिक विद्युत कटौती की गई जबकि सच्चाई यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में जिले में सबसे ज्यादा 11 से 12 घंटे तक विद्युत कटौती की गई।
पदमपुर 220 केवी जीएसएस: रात्रि दो बजे से सुबह छह बजे अैर सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक-श्रीकरणपुर,केसरीसिंहपुर,गजसिंह,रायसिंहनगर,पदमपुर,ततारसर,बींझबायला,घमूड़वाली व रिड़मलसर आदि।
विद्युत निगम का दावा कि आठ घंटे विद्युत कटौती की गई,जबकि सच्चाई यह है कि नौ घंटे से अधिक ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत कटौती की गई।
विद्युत निगम का दावा कि आठ घंटे विद्युत कटौती की गई,जबकि सच्चाई यह है कि नौ घंटे से अधिक ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत कटौती की गई।