शराब के नशे में की मारपीट पुलिस थाना में शाम आठ बजे हुई प्रेस कांफ्रेस में एएसपी सीताराम प्रजापत ने बताया कि प्रकरण में मुख्य आरोपी गांव एक एक्स निवासी संदीप सिंह उर्फ सेठी बराड़ (30) पुत्र गुरचरण सिंह जटसिख को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक हुए अनुसंधान के मुताबिक मुख्य आरोपी संदीप सिंह, उसके दो साथी हाकम सिंह व बबलू निवासी एक एक्स तथा श्रीकरणपुर निवासी टिम्मी व एक अन्य शुक्रवार रात 11 बजे शराब का सेवन कर गांव 24 ओ भुट्टीवाला पहुंचे। और महेन्द्र सिंह उर्फ महमा सिंह पर लाठियों व सरिए से मारपीट की। सिर में चोट लगने व अत्याधिक रक्तस्त्राव से उसकी मौत हो गई।
मृतक को उसके घर फेंककर आरोपी अपने गांव रवाना हो गए। एएसपी ने बताया कि अब तक हुई तफ्तीश में सामने आया है कि महमा सिंह मुख्य आरोपी की बहन से छेड़छाड़ करने के साथ उस पर बुरी नीयत रखता था। मामले का पता लगने पर संदीप और उसके साथियों ने योजना बनाकर महमा सिंह का काम तमाम कर दिया। एएसपी ने कहा कि डीएसपी प्रतापसिंह डूडी, डीएसपी विद्याप्रकाश सूरतगढ़, थानाधिकारी राजकुमार राजोरा, गजसिंहपुर सीआइ गोपाल सिंह, पदमपुर सीआइ विक्रम तिवाड़ी, घमूड़वाली सीआइ राजवीर सिंह के अलावा करीब एक दर्जन पुलिसकर्मियों की टीम के प्रयास से इस ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश हो सका।
ऐसा प्रदर्शन ठीक नहीं… मौके पर डीएसपी डूडी ने मृतक के परिजन व ग्रामीणों की ओर से सडक़ पर शव रखकर किए गए प्रदर्शन को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के घटनाक्रम से पुलिस को अपना काम निपटाने में काफी बाधा आई। लेकिन पुलिस ने अपना काम मुस्तैदी से करते हुए हत्याकांड का पर्दाफाश किया। डीएसपी ने कहा कि घटना के शुरूआती समय में सुराग आसानी से जुटाए जा सकते हैं।
22 घंटे सडक़ पर पड़ा रहा था शव… गौरतलब है कि गांव 24 ओ भुट्टीवाल में शनिवार दोपहर महेन्द्र सिंह उर्फ महमा सिंह (36) का शव उसके घर में चारपाई के नीचे पड़ा मिला था। पुलिस की प्राथमिक जांच में मारपीट व किसी धारदार हथियार के वार से हत्या करने का मामला सामने आया। पुलिस ने मृतक का शव राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया। अपराह्न करीब पांच बजे पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव ले गए। लेकिन मामले में ठोस जांच नहीं होने का आरोप लगाते हुए शनिवार शाम करीब छह बजे ग्रामीण शव वापस लेकर आ रहे थे कि कस्बे के बाहर बाबा दीपसिंह गुरुद्वारा के निकट पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इससे मामला तूल पकड़ गया और परिजन व ग्रामीण पूरी रात सडक़ पर ही शव रखकर बैठे रहे।
इस दौरान रविवार को एसडीएम कार्यालय में हुई बैठक में एएसपी की ओर से हत्या का चंद घंटे में ही खुलासा करने का आश्वासन मिलने पर परिजन माने। और 22 घंटे बाद शव सडक़ से उठाया गया। और पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।