श्री गंगानगर

Video : जिले के ब्लड बैंक रामभरोसे

जिले के शीर्ष अस्पताल सहित जिले की सीएचसी और पीएचसी पर ब्लड बैंक सहित अन्य स्टाफ की कमी चल रही है।

श्री गंगानगरSep 16, 2017 / 09:24 pm

vikas meel

blood bank

श्रीगंगानगर. जिला मुख्यालय पर ब्लड बैंक की बैंक की क्षमता करीब 700 यूनिट ब्लड रखने की है। यहां दो लैब टेक्निशयनों की लंबे समय से कमी चल रही है। लपकों की सक्रियता के चलते भी आम रोगी परेशान हैं। जिले के शीर्ष अस्पताल सहित जिले की सीएचसी और पीएचसी पर ब्लड बैंक सहित अन्य स्टाफ की कमी चल रही है। चिकित्सकों का ग्रामीण इलाके के अस्पतालों में संसाधनों का अभाव है। ऐसे में आमजन को सरकारी अस्पताल में उपचार की उम्मीद कम ही है।
ब्लड बैंक पर लटका है ताला

श्रीकरणपुर. यहां चिकित्सालय में ब्लड बैंक है लेकिन इसका फ्रिज करीब बीस दिन से खराब पड़ा है। यह पुराना फ्रिज अब कंडम होता जा रहा है। फ्रिज की खराबी के कारण ब्लड बैंक को ही ताला लगा दिया गया है।
 

मशीनें है पर जांच लिखने वाला नहीं

मोरजंडखारी. पीएचसी पर चिकित्सक सहित अन्य स्टाफ की कमी चल रही है। पीएचसी पर संसाधनों का अभाव होने के कारण मरीजों को अन्य स्थानों पर इलाज के लिए जाना पड़ रहा है। यहां कुछ संविदा कर्मियों से काम चलाया जा रहा है। यहां मशीनें है लेकिन जांच लिखने वाला चिकित्सक नहीं है।
 

जांच मशीनें खराब, ब्लड की व्यवस्था नहीं
राजियासर. यहां की सीएचसी में संसाधनों का अभाव है। ब्लड रखने की कोई सुविधा नहीं है। गंभीर घायल या अन्य केस में ब्लड की जरूरत होने पर सूरतगढ़ रेफर कर दिया जाता है। जांच मशीन खराब होने से मरीजों को निजी लैबों में जांच के लिए मजबूर होना होता है।
 

संसाधन है पर ब्लड चढ़ाने वाला नहीं

अनूपगढ़. यहां के चिकित्सालय में ब्लड रखने के लिए फ्रिज आदि संसाधन तो मुहैया कराए गए हैं लेकिन ब्लड चढ़ाने में प्रशिक्षण फिजिशियन का तबादला होने के बाद अब यहां ब्लड चढ़ाने वाला ही नहीं है। इसके लिए यहां से एक चिकित्सक को ब्लड चढ़ाने के लिए प्रशिक्षण पर भेजा गया है।
 

न संसाधन और भवन, कैसे मरीजों का इलाज

जैतसर. इलाके में 12 जीबी पीएचसी में कई सालों से भवन का अभाव है। इसके अलावा पीएचसी को चार साल से चिकित्सा प्रभारी नहीं है। संसाधनों के अभाव में रोगियों को उपतहसील मुख्यालय या अन्य स्थानों पर इलाज कराना पड़ता है।पांच साल से बंद है ब्लड बैंकघड़साना. सीएचसी में आसपास की पांच पीएचसी के मरीज रेफर होकर आते हैं और कस्बे के मरीज अलग हैं। इसके बाद भी यहां रेडियोग्राफर नहीं होने से एक्स-रे मशीन जंग खा रही है। यहां सोनोग्राफी की सुविधा नहीं होने के कारण मरीजों को निजी सेंटरों पर सोनोग्राफी करानी पड़ रही है। ब्लड बैंक चार साल से बंद पड़ा है। सीएचसी पर पांच केवी का जनरेटर है लेकिन इससे मशीन, पंखें चलाना मुश्किल होता है।
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