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पानी सप्लाई की लाइन तोड़ी तो महिलाओं ने सीवर कंपनी के कारिंदों को घेरा, बहाना बनाकर भाग छूटे

locationश्री गंगानगरPublished: Apr 24, 2019 10:19:43 pm

Submitted by:

surender ojha

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Break the line of water supply, women lose their share by creating

पानी सप्लाई की लाइन तोड़ी तो महिलाओं ने सीवर कंपनी के कारिंदों को घेरा, बहाना बनाकर भाग छूटे

श्रीगंगानगर।
सीवरेज कंपनी की मनमर्जी से अब इस गर्मी में लोगों के घरों में पानी की समस्या भी आने लगी है। बसंती चौक के पास वार्ड 19 की रमेश कॉलोनी की गली नम्बर तीन में पिछले पन्द्रह -बीस दिनों से पानी की आपूर्ति ठप पड़ी है। सीवरेज कंपनी ने सीवर लाइन के बाद वहां एक छोर से दूसरे छोर के लिए गड्ढा खोदा तो पूरी गली के पानी कनेक्शन की पाइप तोड़ दी।
इससे नाराज लोगों ने ठेका कंपनी के अधिकारियों को शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। बुधवार दोपहर इस ठेका कंपनी के कारिंदे जब आए तो मोहल्ले की महिलाओं ने घेर लिया। महिलाओं के तेवर देखकर कंपनी के इन कारिदों ने बहाना बनाकर वहां भागना उचित समझा।
इस दौरान मोहल्लेवासियों का कहना था कि पिछले एक साल से इस इलाके में सीवर बिछाने के नाम पर प्रताडि़त किया जा रहा है। लंबे समय के बाद पिछले साल बनी सडक़ ठेका कंपनी ने सीवर लाइन बिछाने की आड़ में तोड़ दी है लेकिन दुबारा बनाने की बजाय आश्वासन दिया जा रहा है। अब पानी आपूर्ति प्रभावित होने से पीने के पानी को तरसने लगे है।
सीवर ठेका कंपनी एल एंड टी ने छह माह पहले इस कॉलेानी में सीवर बिछाने के दौरान बड़ा गड्ढा खोदा था लेकिन अब तक दुरुस्त नहीं कराया है। पानी सप्लाई होने वाली मुख्य लाइन भी इस गड्ढे की खुदाई के दौरान टूट गई थी लेकिन इसे दुरुस्त कराने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन हर महीने आश्वासन देकर कंपनी के कारिंदे वापस लौट जाते है।
करीब पौने चार महीने पहले जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने इस इलाके में सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कार्यो का निर्रीक्षण भी किया था, तब लोगों ने अपनी पीड़ा बताई थी। लेकिन कलक्टर के आश्वासन के बावजूद अब तक कोई प्रगति नहीं हो पाई है। इस गड्ढे में आए दिन वाहनों के गिरने की घटनाएं रहती है। रात के समय कई पशु भी गिर चुके है।
मोहल्लेवासियेां का कहना है कि सीवर खुदाई के कारण पूरी रोड टूट चुकी है। यहां तक कि नालियों से पानी की निकासी भी अवरुदध हो चुकी है। यहां नगर परिषद के सफाई कर्मचारी आते है लेकिन पिछले छह महीने से सफाई कर्मियों ने भी हाथ खड़े कर दिए है। यहां तक कि कचरा उठाव की ट्रॉली तक नहीं आती। गंदे पानी से अटी नालियां और गली खुद बदहाली की हकीकत बयां कर रही है। सीवर प्रोजेक्ट के नाम पर इस इलाके को उजाडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।
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