उल्लेखनीय है कि गांव 42 जीबी की फाल हटाने की मांग पर गांव 55 जीबी और आसपास के करीब सात गांवों के लोगों ने बेमियादी अनशन शुरू किया था। यह अनशन समाप्त करवाने के लिए जल संसाधन विभाग ने फाल हटाने का लिखित आश्वासन दे दिया था। नहर में पानी बंद होने पर यह फाल हटाई जानी थी लेकिन पानी बंद होने के साथ ही शनिवार को गांव 42 जीबी के किसान फाल हटाने के स्थान पर एकत्र हो गए तथा धरना लगाकर फाल हटाने का विरोध करने लगे। सोमवार को जब 55 जीबी और आसपास के सात गांवों के किसानों को गांव 42 जीबी के किसानों के धरने की जानकारी मिली तो वे श्रीबिजयनगर के उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंच गए तथा विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
उपखंड प्रशासन की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर गांव 55 जीबी और आसपास के सात गांवों के ग्रामीण एक्सकेवेटर मशीन के साथ स्वयं ही फाल हटाने के लिए गांव 42 जीबी पहुंच गए। इससे वहां पहले से धरने पर बैठे गांव 42 जीबी के किसानों को गांव 55 जीबी सहित सात गांवों के किसानों में तनाव के हालात हो गए। किसानों के तेवर देखते हुए मौके पर पुलिस जाब्ता पहुंचा तथा किसानों को नहर के दोनों तरफ अलग-अलग रोक दिया। हालात बिगडऩे की आशंका में रायसिंहनगर और अनूपगढ़ से पुलिस जाब्ता मंगवाया गया तथा जिला मुख्यालय पर पुलिस नियंत्रण को भी हालात की जानकारी दी गई।
किसानों के तेवर देखते हुए मंगलवार सुबह पुलिस और आरएसी के जवानों के मौजूदगी में फाल हटाने का कार्य शुरू किया गया।