चिकित्सकों ने श्रीगंगानगर जिले के लिए नि:शुल्क मैमोग्राफी जांच को बहुत ही जरुरी बताया है। यह जांच बंद होने से चिकित्सा विभाग की कैंसर स्क्रीनिंग को धक्का लगा है। इसके चलते डिप्टी कंट्रोलर की ओर से जल्द ही बजट की मांग को लेकर सीएमएचओ को पत्र लिखा जाएगा। राजकीय चिकित्सालय के डिप्टी कंट्रोलर डॉ.प्रेम बजाज ने बताया कि महिलाओं में कैंसर का पता लगाने के लिए मैमोग्राफी की जांच श्रीगंगानगर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। चालीस की उम्र पार कर चुकी हर महिला को दो साल में एक बार यह जांच करा लेनी चाहिए। जिससे स्क्रीनिंग हो जाए और कैंसर का समय पर पता चल सके। श्रीगंगानगर जिला और पंजाब के कुछ इलाके में इस रोग से काफी संख्या में लोग पीडि़त हैं।
बजट बंद होने से लगा अभियान को धक्का
यहां नि:शुल्क जांच के लिए बजट बंद होने से चिकित्सा विभाग के कैंसर स्क्रीनिंग अभियान को धक्का लगा है। चिकित्सालय में आने वाली महिलाएं जांच बाहर से कराने की बात कहने पर चली जाती हैं। इनमें से कितनी महिलाओं ने जांच कराई या नहीं इसका पता ही नहीं चल पाता है। उन्होंने बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही 35-35 साल की दो महिलाओं को भी मैमोग्राफी जांच में पॉजिटिव केस मिला है। इससे लगता है कि कम उम्र की महिलाओं में भी यह समस्या सामने आने लगी है।
नि:शुल्क जांच के लिए भटकती रही महिला
चिकित्सकों ने बताया कि सोमवार को एक महिला स्तन में दर्द की शिकायत लेकर आई थी। चिकित्सक ने उसको मैमोग्राफी जांच लिख दी। महिला और उसके परिजनों ने चिकित्सालय से ही नि:शुल्क जांच कराए जाने की मांग की। इस पर नर्सिंग कर्मियों ने महिला को डिप्टी कंट्रोलर के पास भेज दिया लेकिन बजट के अभाव में डिप्टी कंट्रोलर भी महिला को नि:शुल्क जांच नहीं लिख सके। मजबूरन बाहर से जांच करवानी पड़ी।