शहर में अब अधिकांश वार्डो में आवारा पशुओं की समस्या अधिक हो गई है, ऐसे में आवारा पशुओं की धरपकड़ की जाएगी। यह अभियान निरंतर चलेगा। गत तीन महीने पहले मिर्जेवाला रोड स्थित नंदीशाला में रखे गए पशुओं में से कई पशुओं की एकाएक मौत होने के बाद जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने तत्कालीन एसडीएम सौरभ स्वामी की अगुवाई में एक जांच टीम गठित की थी, इस टीम ने नंदीशाला के प्रभारी मदन लाल डूडी को निलम्बित कर दिया था। लेकिन इस डूडी को नगर परिषद के तत्कालीन आयुक्त अशोक कुमार असीजा ने सहायक लेखाकार के रूप में काम करने की छूट दे दी।
नंदीशाला में मारे गए पशुओं के मामले की जांच रिपोर्ट में अन्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई और यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस बीच नगर परिषद प्रशासन ने भी शहर में घूम रहे आवारा पशुओं की धरपकड़ करने की मुहिम भी बंद कर दी थी। यहां तक कि कलक्टर ने खुद शहर के निरीक्षण के दौरान कैटल फ्री सिटी की मुहिम फिर से शुरू करने के आदेश भी किए, लेकिन उनके आदेश करीब ढाई महीने तक हवा में उड़ते नजर आए।