शहर के विभिन्न चौराहों पर वारदात व ट्रेफिक व्यवस्था पर निगरानी के लिए वर्ष 2011 में तत्कालीन यातायात प्रभारी की ओर से करीब 30 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। निगरानी के लिए लगाए गए यह सीसीटीवी कैमरे कुछ स्थानों पर थोड़े समय बाद ही बंद हो गए। इसके अलावा कुछ कैमरों के बिजली कनेक्शन नहीं हो पाए और वे कभी चले ही नहीं। लंबे समय तक कैमरे खंभों पर लटके रहे। इसके बाद इनको उतार कर यातायात थाने में जमा करवा दिया गया। जहां करीब छह साल से ये सीसीटीवी कैमरे कबाड़ हो रहे हैं। कैमरों को फिर लगाने के प्रयास नहीं हुए। जब भी कोई वारदात होती है तो पुलिस को दुकानों व मकानों के बाहर लगे निजी सीसीटीवी कैमरों का सहारा लेना पड़ता है। पुलिसकर्मियों का कहना है कि यदि जगह-जगह शहर में पुलिस के कैमरें लगे हो तो वारदात ट्रेस करने में आसानी रहती है।
पुलिस विभाग लगाएगा चार सौ कैमरे – अभय कमांड योजना के तहत शहर में हाईटेक पुलिस कंट्रोल बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके साथ ही पूरे शहर को कैमरों की जद में लाने के लिए करीब चार सौ सीसीटीवी कैमरे विभिन्न स्थानों पर लगाए जाएंगे। इससे शहर में वाहन चोरी, लूटपाट व छेड़छाड़ करने वालों की धरपकड़ में मदद मिलेगी। इसके लिए पिछले दिनों एसडीएम व सीओ सिटी की ओर से पुलिस कंट्रोल निर्माण के लिए जगह भी देखी थी।
अब लगाएंगे कैमरे – शहर में 2011 में तत्कालीन यातायात प्रभारी की ओर से करीब 30 कैमरे लगाए गए थे, जो बाद में बंद हो गए। इनको उतरवाकर यातायात थाने में रखवा दिया गया। जो अभी यहीं रखे हुए हैं। अब अभय कमांड योजना के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाया जाना प्रस्तावित है।
सुशील कुमार, यातायात प्रभारी श्रीगंगानगर।