श्री गंगानगर

पंजाब के पानी को केन्द्रीय जल आयोग की क्लीन चिट

-नहरों के पानी में नहीं कैंसर का कारण बनने वाले तत्व

श्री गंगानगरJul 04, 2018 / 09:00 am

pawan uppal

पंजाब के पानी को केन्द्रीय जल आयोग की क्लीन चिट

श्रीगंगानगर.
पंजाब से राजस्थान की नहरों में आ रहे सतलुज और ब्यास नदियों के पानी में ऐसा कोई खतरनाक तत्व नहीं जो कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी का कारण बने। केन्द्रीय जल आयोग की ओर से हाल ही पंजाब और राजस्थान की नहरों से लिए गए पानी के नमूनों की जांच में यह बात सामने आई है। आयोग अपनी जांच रिपोर्ट शीघ्र ही केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय को सौंप देगा। पंजाब के बाद राजस्थान के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में जिस तेजी से कैंसर फैल रहा है, उसे लेकर नहरों में आने वाले प्रदूषित पानी को ही कारण माना जा रहा है।
केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट इस कारण को सिरे से खारिज कर रही है। सही कारण का पता लगाने के लिए कैंसर प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य संबंधी जांच का सुझाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट में दिया है। केन्द्रीय जल आयोग ने पंजाब और राजस्थान की नहरों से पानी के नमूने पंजाब के बटाला जिले के गांव कीड़ी अफगाना स्थित चड्ढा शुगर एंड वाइन मिल के टैंक से हजारों टन शीरा ब्यास नदी में बहने के बाद असंख्य जलीय जीव जंतुओं की मौत की घटना के बाद लिए।
इस घटना के बाद प्रदूषित पानी पंजाब व राजस्थान की नहरों में बहता रहा, जिसे लेकर दोनों राज्यों में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए। आयोग ने हरिके हैडवक्र्स से निकलने वाली फिरोजपुर फीडर और राजस्थान फीडर के अलावा इनसे जुड़ी सभी नहरों से पानी के नमूने लेकर उनकी जांच अपनी प्रयोगशाला में करवाई है।

प्रदूषित होता है पानी
पंजाब में सतलुज और ब्यास नदियों में औद्योगिक शहर लुधियाना, जालंधर और फगवाड़ा की औद्योगिक इकाइयों के अलावा दर्जनभर शहरों के सीवरेज का दूषित पानी सीधा डाला जा रहा है। औद्योगिक इकाइयों के अपशिष्ट के बारे में लगातार यह कहा जाता रहा है कि इसमें कई ऐसी खतरनाक धातुएं मिली होती हैं जो पानी के साथ शरीर में जाकर आंतों में जख्म कर देती है और यही जख्म बाद में कैंसर में तब्दील हो जाता है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में ऐसी आशंका व्यक्त किए जाने पर पंजाब हाईकोर्ट ने औद्योगिक इकाइयों को ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश दिए थे। लेकिन उन आदेशों की पालना नहीं हुई।

पानी से कैंसर नहीं
पंजाब और राजस्थान की नहरों से पानी के नमूने लेकर उसकी जांच करवाई तो पानी में ऐसा कुछ नहीं मिला, जिससे कैंसर होता हो। पानी में कीटनाशी का पता लगाने के लिए अलग प्रयोगशाला में जांच करवाई तो उसमें भी ऐसा कुछ नहीं मिला। मेरा मानना है कि पंजाब और राजस्थान का जो इलाका कैंसर से प्रभावित है, वहां लोगों के स्वास्थ्य की जांच के साथ-साथ खाद्यान्न की भी जांच होनी चाहिए।
सैयद मसूद हुसैन, अध्यक्ष एवं पदेन सचिव, केन्द्रीय जल आयोग।

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