हनुमानगढ़.
पत्रिका के चेंजमेकर्स : बदलाव के नायक महाअभियान के तहत गुरुवार को जिले भर में महिलाओं की गोष्ठियां हुई। प्रत्येक विधानसभा में आयोजित इन गोष्ठियों में राजनीति में महिलाओं की भागीदारी व चुनौतियों पर मंथन किया गया। साथ ही समाज के विभिन्न वर्ग, पेशेवर तबके आदि से जुड़ी महिला शख्सियतों ने लोकतंत्र को मजबूत बनाने व इसमें महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर सुझाव भी दिए। राजनीति में सुधार लाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर विचार-विमर्श किया गया। राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव व उसमें महिलाओं की भूमिका पर चर्चा की गई। गोष्ठियों के समापन पर लोकतंत्र को मजबूत बनाने व जाति-धर्म की भावना से ऊपर उठकर मतदान करने का संकल्प लिया गया।
हनुमानगढ़ विधानसभा की जिला स्तरीय गोष्ठी जंक्शन स्थित व्यापार संघ धर्मशाला में हुई। इसमें सबने एक सुर में कहा कि महिलाएं राजनीति में सक्रिय भूमिका तभी निभा सकती हैं, जब पुरुषवादी समाज की सोच बदलेगी। अन्यथा राजनीति में होकर भी वे रबर स्टाम्प ही साबित होंगी। विधानसभा व लोकसभा में आरक्षण महिलाओं का हक है, जो उन्हें शीघ्र मिलना चाहिए। समाज भी सोच बदले और महिलाओं का राजनीति में आने पर स्वागत करे। पूर्व उप जिला प्रमुख शबनम गोदारा ने कहा कि महिलाओं को योग्यता के अनुसार मौका मिलना चाहिए, उपयोगिता के अनुसार नहीं।
मगर कटु सत्य यह है कि उपयोगिता के आधार पर ही मौका मिल रहा है। देश की तरक्की तभी संभव है जब महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी। सुमन चावला ने कहा कि परिवार का सहयोग व सकारात्मक दृष्टिकोण हो तो महिलाएं हर क्षेत्र में कमाल कर सकती हैं। भाजपा महिला मंडल अध्यक्ष शिमला मेहंदीरत्ता, जिला महामंत्री मंजू शर्मा तथा ममता कौशिक ने पुरुषवादी समाज की सोच बदलने पर बल दिया। गोष्ठी में एडवोकेट हेमलता जोशी, मीना चावला, पार्षद रेणु मौर्य, व्याख्याता उष्मा, सुलोचना बेनीवाल व ममता बेनीवाल आदि ने विचार व्यक्त किए