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संकीर्तन के साथ गूंजे जयकारे

locationश्री गंगानगरPublished: Jan 17, 2018 09:21:24 am

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pawan uppal

इसमें वैदिक कन्या गुरुकुल फतूही की छात्राओं ने कई भक्तिमय भजन सुनाए। राम नाम संकीर्तन भी हुआ। रात को श्री बालाजी भजन मंडल की ओर से जागरण हुआ।

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श्रीगंगानगर.

पुष्पों और रोशनी से सजा मंदिर परिसर, भजनों और संकीर्तन का दौर और फिजां में गूंजते जयकारे । शहर के हनुमानगढ़ मार्ग स्थित बालाजी बाबोसा धाम में मंगलवार को कुछ ऐसा ही माहौल था। मौका था मंदिर के वार्षिकोत्सव का। सुबह आयोजन की शुरुआत वैदिक कन्या गुरुकुल फतूही के आचार्य सुखानंद ने ज्योति प्रज्वलित कर की। इसके बाद भजन कीर्तन हुआ । इसमें वैदिक कन्या गुरुकुल फतूही की छात्राओं ने कई भक्तिमय भजन सुनाए। राम नाम संकीर्तन भी हुआ। रात को श्री बालाजी भजन मंडल की ओर से जागरण हुआ।

इस क्रम में बुधवार को श्री श्याम हनुमान मंडल की ओर से अद्र्धरात्रि जागरण होगा तथा गुरुवार को सुबह सवा दस बजे से रामनाम जाप होगा। इस दिन शाम सवा छह बजे महाआरती होगी। इसके बाद अटूट लंगर लगाया जाएगा तथा शाम सवा सात बजे से भजन संध्या होगी। श्याम आर्ट गु्रप की ओर से झांकियां सजाई जाएंगी। कार्यक्रम के दौरान प्रतिदिन 51सुंदरकांड पाठ भी हो रहे हैं।
प्रतिदिन सवामणी का भोग लगेगा। कार्यक्रम में श्री बालाजी धाम ट्रस्ट, श्री कावड़ सेवा संघ, श्री झांकी वाले बालाजी भजन मंडल, श्याम हनुमान मंडल, अग्र विकास परिषद, अग्रवाल युवा मित्र मंडल आदि का सहयोग है। कार्यक्रम में अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद गुप्ता, उपाध्यक्ष नवीन सिंगल, सचिव संजय अग्रवाल, कोषाध्यक्ष अजय गुप्ता, प्रचार मंत्री राकेश झूंथरा, प्रन्यासी गोरधनदास गोटेवाला, महेश गुप्ता, संजय गुप्ता, कैलाश सिंगल, विजय गुप्ता, प्रेम निर्वाण, विपिन शर्मा, सुशील सिंगल, विशाल, मोहित सिंगल, जसवंत, हैप्पी सिंगल, सुरेश खेमका आदि सहयोग कर रहे हैं।

मार्गशीर्ष की पंचमी को मिली थी शक्ति : कथा के अनुसार बालाजी बाबोसा का जन्म चूरू जिले में छगनी माता के यहां हुआ था। छगनी माता ने तपस्या कर बालाजी से उन्हें पुत्र के रूप में पाने की कामना की। इस पर बालाजी ने छगनी माता को पुत्र के रूप में उनके यहां जन्म लेने का विश्वास दिलाते हुए कहा कि वह केवल सत्रह वर्ष उनके यहां रहेंगे। इस क्रम में बसंत पंचमी के दिन बालाजी बाबोसा के रूप में छगनी माता के यहां बालाजी ने पुत्र रूप में जन्म लिया। तथा मार्गशीर्ष की पंचमी को उन्हें शक्ति मि ली।
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