श्रीगंगानगर. राज्य में कोविड-19 के संक्रमण के दौरान 10 महीने से बंद हुए स्कूलों को 18 जनवरी को खोल दिया गया लेकिन यह स्कूल केवल कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों के लिए खुले हैं। जिससे कक्षा एक से कक्षा 8 तक के विद्यार्थी अभी भी कक्षा शिक्षण से दूर है। विभाग की मानें तो यह विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षण द्वारा अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। शहरी क्षेत्रों व आसपास के गांवों में तो बच्चे फिर भी यूट्यूब व्हाट्सएप की कक्षा आदि के माध्यम से पढ़ पाते हैं परंतु जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में यह सुविधा संसाधनों की कमी और इंटरनेट की गति के कारण नहीं बनी रहती है। ऐसे में सरकारी स्कूलों का यह सभी बच्चे स्माइल टू प्रोग्राम के तहत केवल वर्क बुक पर ही निर्भर है।
-परिजन बने हैं मास्टरजी
जिले के बहुत से गांवों में नेटवर्क की अधिक समस्या है। जिसके कारण ऑनलाइन पढ़ाई पूर्ण रूप से संभव नहीं हो पा रही है। इसके चलते अधिकांश घरों में माता-पिता या भाई-बहन ही बच्चों के लिए गुरुजी की भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि अध्यापक घर पर जाकर होमवर्क दे रहे हैं। पर इसमें निरंतरता का अभाव हमेशा बना रहता है।
-यूं चल रही है नौनिहालों की कक्षा वर्तमान में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए स्माइल और स्माइल-2 कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा हैा। जिसमें सीबीइओ पास के परिषद से सुबह ऑनलाइन लिंक आता है। जिसे संस्था प्रधानों को सुबह 9:00 बजे से पहले भेजा जाता है। फिर नामांकित बच्चों के अभिभावकों को शिक्षक व्हाट्सएप पर लिंक भेजते हैं। वीडियो को देखकर बच्चे प्रतिदिन पढ़ते हैं और उसी दिन शाम को संबंधित लिंक में दिया गया गृह कार्य पूरा करके बच्चे उसकी फोटो खींचकर स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप पर भिजवा देते हैं इसका प्रिंट निकाल कर विषय अध्यापक ऑनलाइन गृह कार्य की जांच करके दिशा निर्देश प्रदान कर रहे हैं।
——— कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए स्माइल और स्माइल-2 कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन कक्षाओं से पढ़ाई करवाई जा रही है। साथ ही गृह कार्य भी दिया जा रहा है। हालांकि ग्रामीण अंचल में नेट व मोबाइल आदि की समस्या तो आ ही रही है।
हंसराज यादव,मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी,श्रीगंगानगर।