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SriGanganagar मंदिरों और गुरुद्वारों से मिलेगा आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चे को भोजन

locationश्री गंगानगरPublished: May 21, 2022 10:31:32 pm

Submitted by:

surender ojha

Children of Anganwadi center will get food from temples and gurudwaras- पोषाहार से खींचे हाथ: धार्मिक स्थलों से खाना खिलवाने के लिए महिला पर्यवेक्षकों और वर्करों की लगाई डयूटी
 

SriGanganagar मंदिरों और गुरुद्वारों से मिलेगा आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चे को भोजन

SriGanganagar मंदिरों और गुरुद्वारों से मिलेगा आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चे को भोजन

श्रीगंगानगर। आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को पोषाहार देने के लिए सरकारी खजाने की बजाय धार्मिक संस्थााओं, धार्मिक स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि का सहयोग लेकर वहां से भोजन परोसने की अब कवायद शुरू की जाएगी। इसके लिए बकायदा महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यवाहक उपनिदेशक अनिल कामरा ने आदेश भी जारी किए हैं। इस आदेश में महिला पर्यवेक्षकों और आंगनबाड़ी वर्करों को ऐसी संस्थाओं, दानदाताओं, धार्मिक स्थलों से संपर्क कर उनसे सहयोग के लिए पूर्व में सहमति लेने और सर्वे कर उसकी रिपोर्ट भिजवाने के लिए कहा गया हैं।
कामरा ने जिले के सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों से जिले भर में संचालित 1265 आंगनबाड़ी केन्द्रों की रिपोर्ट 27 मई तक मांगी हैं। कामरा की ओर से जारी आदेश के अनुसार यह कवायद जिला कलक्टर ने 17 मई को हुई बैठक में मौखित आदेश कहे हैं। इसके अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्रों में इन धार्मिक स्थलों के अलावा एनजीओ या अन्य चैरीटेबल संस्थाओं के सहयोग से तिथि भोजन आयोजित किए जाने के लिए प्रयास किए जाने हैं।
इन संस्थाओं में भोजन किसी विशेष अवसर या संस्था का कोई विशेष दिन जैसे कोई त्यौहार, राष्ट्रीय दिवस, जन्मदिन, वार्षिक उत्सव, जयंती, या अन्य कोई दिवस जिस पर संस्था की सहमति हो, दिया जा सकता हैं।
उपनिदेशक के आदेश में यह भी बताया गया है कि भोजन सामग्री में अनाज, दाल, सब्जी, फल, दूध, मिठाई, अंडे, बिस्कुट, हलवा शामिल हो सकेगा। इसके अलावा बच्चों की ओर से पंसद किए जाने वाले खाद्य पदार्थो की सूची बनाकर भी इच्छुक संस्था के साथ सांझा की जा सकती है।
इस बीच, महिला एवं बाल विकास कर्मचारी संयुक्त महासंघ की जिलाध्यक्ष सीता स्वामी ने इस आदेश पर सवाल उठाया हैं। स्वामी के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को कोई संस्था खाने में लापरवाही करेगी या संबंधित भोजन खाने से कोई बच्चा बीमार हो जाएगा तो जिम्मेदारी किसकी होगी। इस आदेश से ऐसा लगा रहा है कि सरकार अब आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार देने की बजाय धार्मिक स्थलों या धार्मिक संस्थाओं से याचक की तरह भोजन मांगने की नौबत आ गई है।
इधर, पुरानी आबादी िस्थत स्वामी समाज की धर्मशाला में आंगनबाड़ी केन्द्र की महिलाओं की बैठक जिलाध्यक्ष सीता स्वामी की अगुवाई में हुई। इसमें पिछले दो माह से बकाया मानदेय, पिछले छह माह से कोविड प्रोत्साहन राशि अटकाने, पोषण ट्रेकर के लिए स्मार्ट फोन सुविधा के अलावा धार्मिक स्थलों से पोषाहार की व्यवस्था के आदेश आदि को लेकर सोमवार को पूरे जिले की आंगनबाड़ी केन्द्र बंद कर कलक्ट्रेट के समक्ष धरना देने का प्रस्ताव पारित किया गया।
स्वामी के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्र की कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और आशा सहयोगिनों की विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को सुबह दस बजे कलक्ट्रेट पर एकत्रित होकर धरना लगाएगी।

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