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नगर परिषद चुनाव: अबकी बार महिला चलाएगी शहर की सरकार

locationश्री गंगानगरPublished: Oct 20, 2019 11:52:29 pm

Submitted by:

surender ojha

City council election: नगर परिषद सभापति के आरक्षण की लॉटरी में सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ है। इससे शहर की सियासत एकाएक तेज हो गई है।

नगर परिषद चुनाव: अबकी बार महिला चलाएगी शहर की सरकार

नगर परिषद चुनाव: अबकी बार महिला चलाएगी शहर की सरकार

श्रीगंगानगर। देश की आजादी के बाद जिला मुख्यालय पर शहर की सरकार के करीब 71 साल के लंबे सफर में अब तक चार महिलाओं को ही सभापति की कुर्सी पर बैठने का मौका मिल पाया है, अबकी बार सामान्य वर्ग की महिला शहर की सरकार बनाएगी।
जयपुर में रविवार को नगर परिषद सभापति के आरक्षण की लॉटरी में सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ है। इससे शहर की सियासत एकाएक तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस अपने अपने खेमों से संभावित दावेदारों को टटोलने लगे है। इन दोनों दलों के अलावा कई ऐसे भी है जो निर्दलीय सभापति बनाने के चक्कर में है।
लोकसभा चुनाव के बाद राजनीति गलियारे में पसरा सन्नाटा रविवार शाम को एकाएक छंट गया। पिछले दस सालों से नगर परिषद सभापति सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित था लेकिन इस बार सामान्य महिला होने की सूचना मिली तो शहर में उम्मीदें पाले हुए कईयों के चेहरे खिले उठे।
वहीं सामान्य पुरुष होने के लिए कईयों ने अपनी रणनीति बना रखी थी वह लॉटरी निकलते ही फेल हो गई।
शहर में अब तक 32 बने सभापतियों में चार महिलाएं सभापति रही है। नगर परिषद में कौशल्या चोपड़ा पहली सभापति थी, चोपड़ा 1 दिसम्बर 1994 से 9 जुलाई 1996 तक, गोमतीदेवी ढुंढाड़ा ने 19 जुलाई 1996 से 5 अगस्त 1996 तक, मनिन्दर कौर नंदा ने 5 अगस्त 1996 से 28 नवम्बर 1999 तक और सीता सोनी को 30 मई 2014 से 27 नवम्बर 2014 तक सभापति के पद पर कामकाज किया।
नगर परिषद में अध्यक्ष की कुर्सी पर सबसे पहले नानकचंद थे जिन्होंने 22 अक्टूबर 1948 को यह कार्यभार संभाला था, उनका यह कार्यकाल 3 फरवरी 1952 तक चला। यह नगर परिषद तब नगर पालिका थी। अब तक नगर परिषद में सभापति की कुर्सी पर 32 जनों को यह सौभाग्य मिल चुका है।
इस बार 33 वें सभापति का चयन पार्षदों के माध्यम से होगा। परिषद के कार्यकाल में चार ऐसे शख्स है जिनको दो दो बार कुर्सी संभालने का मौका मिला। इसमें पूर्व मंत्री राधेश्याम गंगानगर को 20 जून 1972 से 13 जून 1972 तक और 4 नवम्बर 1972 से 5 सितम्बर 1973 तक। इसके अलावा भागीरथ सिंह एडवोकेट को 1 सितम्बर 1990 से 28 जनवरी 1991 तक और 5 फरवरी 1992 से 24 नवम्बर 1992 तक, अशोक ग्रोवर को 29 जनवरी 1991 से 4 फरवरी 92 तक, 25 नवम्बर 1992 से 28 अगस्त 1993 तक, वहीं जगदीश जांदू को 28 नवम्बर 1999 से 27 नवम्बर 2004 तक और 26 नवम्बर 2009 से 30 मई 2014 तक कार्यकाल पूरा किया।
लॉटरी की प्रक्रिया चल रही थी कि सोशल मीडिया में श्रीगंगानगर नगर परिषद सभापति का पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित होने की सूचना जारी हुई तो कईयों ने अपनी दावेदारी ठोक दी। इसमें महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष कमला बिश्नोई, पूनम स्वामी, पूर्व पार्षद पुष्पा कुलचानियां, पार्षद मंजू गोदारा आदि के नाम सामने आ गए। लेकिन करीब एक घंटे के बाद सामान्य महिला की लॉटरी आने की सूचना आई तो कईयों ने भी अपनी दावेदारी जताई।
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