-क्या है कोडिंग और डाटा विषयों का आधार कोडिंग एक रचनात्मक गतिविधि है, जिसमें किसी भी विषय के विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं। इसके पीछे का मकसद डिजाइन सोच, विचारों के प्रवाह और इसे सभी विषयों में लागू करके कोडिंग सीखना है। इससे बच्चों में तार्किक तौर पर सोचने की क्षमता बढ़ेगी तथा वे कृत्रिम बुद्धिमत्तता के बारे में जान सकेंगे। उल्लेखनीय है कि नई शिक्षा नीति के तहत कोडिंग और डाटा साइंस का पाठ्यक्रम तार्किकता,चिंतन कंप्युटेशनल कौशल,समस्या समाधान और सृजनात्मकता के आधार पर तैयार किया गया है।
– कौशल विषय के लिए आवेदन शुल्क माफ इस सत्र में डाटा साइंस विषय की कुल अवधि 12 घंटे की होगी। जिसमें यह 8 वीं में कौशल मॉड्यूल तथा 9 वीं और 10वीं के लिए विषय के रूप में जोड़ा जाएगा। वहीं कोडिंग को भी 12 घंटे के कौशल मॉड्यूल के रूप में लाया जा रहा है। जो केवल 6ठीं- 8वीं तक के लिए लागू होगा। बोर्ड ने नए कौशल विषयों के लिए आवेदन फीस भी माफ कर दी है।
फैक्ट फाइल कक्षा कौशल विषयों की संख्या
उच्च प्राथमिक स्तर – 9 माध्यमिक स्तर – 15
उच्च माध्यमिक स्तर – 38 ……. बोर्ड की ओर से एनसीइआरटी पैटर्न पर कोडिंग और डाटा विज्ञान में पूरक हैंडबुक तैयार की गई है। इस प्लेटफॉर्म से गणित,भाषा और विज्ञान के साथ-साथ तकनीक के क्षेत्र में कॅरियर बनाने वाले विद्यार्थियों को विशेष फायदा होगा।
उच्च प्राथमिक स्तर – 9 माध्यमिक स्तर – 15
उच्च माध्यमिक स्तर – 38 ……. बोर्ड की ओर से एनसीइआरटी पैटर्न पर कोडिंग और डाटा विज्ञान में पूरक हैंडबुक तैयार की गई है। इस प्लेटफॉर्म से गणित,भाषा और विज्ञान के साथ-साथ तकनीक के क्षेत्र में कॅरियर बनाने वाले विद्यार्थियों को विशेष फायदा होगा।
-भूपेश शर्मा,समन्वयक,विद्यार्थी परामर्श केंद्र, श्रीगंगानगर