वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनने के बाद कॉलेज का निर्माण शुरू नहीं हुआ। एमओयू को लेकर बीडी अग्रवाल और तत्कालीन भाजपा सरकार के बीच गतिरोध बना रहा। इससे निर्माण शुरू नहीं हो सका। वर्ष 2018 में कांग्रेस की पुन: सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेज के निर्माण की घोषणा बजट में की। इसके बाद बजट प्रावधान भी घोषित कर दिया।
30 सितंबर 2019 को चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव वैभव गालरिया ने जिला अस्पताल परिसर में मेडिकल कॉलेज की साइट का निरीक्षण किया। जिला अस्पताल के सेटअप का मुआयना किया। तब उसी वित्तीय वर्ष यानी 31 मार्च 2020 से पूर्व ही कॉलेज के भवन का निर्माण शुरू होने की तैयारियां की गई। लेकिन फरवरी 2020 में कोरोना संक्रमण शुरू होने से अन्य योजनाओं की तरह मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी शुरू नहीं हो सका। लेकिन सरकार को इस संबंध में लगातार फीडबैक मिला तो इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में मदद मिली।
इस बीच, नोडल एजेंसी के अनुसार राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने केंद्र प्रायोजित योजना में मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए 325 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया था। इसमें केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत राशि वहन कर रही हैं। मेडिकल कॉलेज निर्माण के बजट में केंद्र सरकार की 195 करोड़ रुपए और राज्य सरकार की 130 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी है। राज्य सरकार ने बजट प्रावधान कर दिया जबकि केंद्र की ओर से बजट पहले ही स्वीकृत किया हुआ है।
इधर, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की ओर से सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटों की मंजूरी मिल चुकी है। इसके लिए प्रयासरत कर रहे स्थानीय विधायक राजकुमार गौड़ की अहम भूमिका रही है। गौड़ का कहना था कि 9 मई 2019 को कॉलेज का भवन का शिलान्यास किया गया था। कोरोना एवं अन्य चुनौतियों के बावजूद 15 माह में केन्द्र और राज्य सरकार दोनों के संयुक्त प्रयासों से यह सपना साकार हुआ। नीट का परिणाम आने के बाद एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की टीम कॉलेज परिसर का निरीक्षण और भौतिक सत्यापन कर चुकी है। अब पढ़ाई के लिए अनुमति देकर लंबे अर्से से चल रही मांग को पूरा कर दिया है।
इधर, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की ओर से सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटों की मंजूरी मिल चुकी है। इसके लिए प्रयासरत कर रहे स्थानीय विधायक राजकुमार गौड़ की अहम भूमिका रही है। गौड़ का कहना था कि 9 मई 2019 को कॉलेज का भवन का शिलान्यास किया गया था। कोरोना एवं अन्य चुनौतियों के बावजूद 15 माह में केन्द्र और राज्य सरकार दोनों के संयुक्त प्रयासों से यह सपना साकार हुआ। नीट का परिणाम आने के बाद एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की टीम कॉलेज परिसर का निरीक्षण और भौतिक सत्यापन कर चुकी है। अब पढ़ाई के लिए अनुमति देकर लंबे अर्से से चल रही मांग को पूरा कर दिया है।
विधायक ने अगले साल कॉलेज में सीटें 150 होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार की संयुक्त टीम प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि केन्द्र ओर राज्य सरकार के संयुक्त बजट में इस कॉलेज का निर्माण हुआ है। इस मौके पर सीएमएचओ डा. मनमोहन गुप्ता, मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक अधीक्षक एवं राजकीय जिला चिकित्सालय के पीएमओ डा. बलदेव सिंह चौहान, उपनियंत्रक डा. संजय शर्मा, आरएसआरडीसीसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डा.आरके सिंगल, सेवानिवृत उपनियंत्रक डा. प्रेम बजाज, सहायक प्रोफेसर डा. जेपी चौधरी, डा.कीर्ति शेखावत आदि मौजूद थे।