SriGanganagar जनहित की बजाय खुद के ऑफिस संवारने की होड़
श्री गंगानगरPublished: Jul 01, 2022 01:09:11 pm
Competition to beautify own office instead of public interest- नगर परिषद और जिला परिषद प्रशासन खर्च कर डाले चालीस लाख रुपए
SriGanganagar जनहित की बजाय खुद के ऑफिस संवारने की होड़
श्रीगंगानगर. नगर परिषद और जिला परिषद दोनों आमने सामने ऑफिस है। इन दोनों में खुद के भवन का सौन्दर्यीकरण पर करीब चालीस लाख रुपए का भारी भरकम का बजट खर्च करने में दरियादिली दिखाई है।
नगर परिषद में सभापति करुणा चांडक के ऑफिस को फिर से संजाने और संवारने के लिए दस लाख रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है। महंगी महंगी टाइल्स बिछाई गई है। इस चैम्बर के अंदर वीआईपी मेहमानों के बैठने के लिए आलीशान सोफे बनाए गए है।
चेयरमैन कक्ष को बड़े औद्योगिक घराने के ऑफिस का लुक दिया गया है। डिजायनदार दीवारें खुद बदलाव का संकेत दे रही है। पहले सभापति कक्ष में पार्षदों का जमघट रहता था लेकिन इस नए ऑफिस को सिर्फ नगर सभापति करुणा चांडक के लिए खोला जाएगा। पार्षदों के लिए उपसभापति चैम्बर को पार्षद कक्ष में तब्दील किया जा रहा है।
उपसभापति लोकेश मनचंदा निर्दलीय थे लेकिन बाद में उन्हेांने भाजपा का दामन थाम लिया। ऐसे में सत्ता पक्ष खेमे ने उपसभापति के चैम्बर को हटाने की कवायद भी शुरू करवाई। ऑफिस के जीर्णोद्धार की आड़ में अब उपसभापति का कक्ष नहीं रहेगा, इसे पार्षदों के बैठने का रूम बनाने के लिए कारगीरों को लगा दिया गया है। इधर, जिला परिषद प्रशासन भी पीछे नहीं रहा।
सीईओ का नया चैम्बर बनाने का काम किया जा रहा है। जिला परिषद के भवन की नुक्कड़ पर अब सीईओ मुहम्मद जुनैद का नया ऑफिस बनाया जा रहा है। इसके साथ साथ सीईओ के वाहन खड़ी करने के लिए पोर्च का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
यह लुक जिला कलक्टर के ऑफिस की तरह दिखाई देगा। वहीं जिला परिषद के पुराने भवन की मरम्मत की जा रही है। इस पर भी करीब आठ लाख रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है।
इस बीच, जिला परिषद के पास पंचायत समिति श्रीगंगानगर के प्रधान सुरेन्द्रपाल सिंह ने अपनी शपथ नए ऑफिस के बनने के बाद ली थी।
प्रधान के ऑफिस भवन के जीर्णोद्धार पर लाखों रुपए का बजट खर्च किया गया। इस ऑफिस का लुक ही बदल गया। पहले इस ऑफिस में विकास अधिकारी बैठते थे। तब इस ऑफिस को प्रधान के लिए चुना गया। वहीं जहां प्रधान के लिए चैम्बर था उसे अब पंचायत समिति श्रीगंगानगर के विकास अधिकारी को आवंटित किया गया है।
इधर, इलाके में कई जनहित के कार्यो पर ब्रेक लगी हुई है। इसमें सीवर प्रोजेक्ट के पहले चरण में डोर टू डोर सीवर कनैक्शन करने का काम अटका हुआ है। नगर परिषद ने ठेकेदारों को तीन साल पहले ठेका दिया था लेकिन यह काम अब तक नहीं हो पाया है। इसी तरह आरयूआईडीपी की ओर से सीवर लाइन और पेयजल पाइप लाइन बिछाने के बाद कई सड़कों का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है। वहीं सूरतगढ़ रोड पर राजकीय जिला चिकित्सालय से किसान चौक तक सड़क विस्तार अटक गया है। पुरानी आबादी में जनता क्लीनिक खोलने की प्रक्रिया कागजों में उलझी हुई है।