इससे पहले जिला प्रशासन की ओर से यूक्रेन में फंसे इलाके के छात्र-छात्राओं के परिजनों से मिलने के लिए उपखंड अधिकारी उम्मेद सिंह उनके घरों पर पहुंचे। चिंता और आंशकाओं से घिरे इन परिजनों से उनके बच्चों के बारे में फीडबैक लिया।
इन परिजनों ने अपने बच्चों को किसी तरह यूक्रेन से बाहर निकालने की व्यवस्था करने के लिए बात दोहराई। इन परिजनों से बातचीत के दौरान यह पहलू सामने आया कि यूक्रेन के अलग अलग इलाकों में अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे बच्चों को खाने-पीने के संकट से जूझना पड़ रहा हैं।
हर किसी परिजन ने अपने अपने बच्चे की मौजूदा लोकेशन के बारे बताया। किसी ने बताया कि पौलेण्ड और रोमानिया की सीमा तक पहुंचने के लिए उनके बच्चों को परेशानी आ रही हैं। इन परिजनों का कहना था कि उनके बच्चों को पैदल ही सुरक्षित ठिकानो में रहने को मजबूर किया जा रहा हैं।
उपखंड अधिकारी ने बताया कि इन परिजनों को राज्य की ओर से स्थापित कंट्रोल रूम का नम्बर और उनके मोबाइल का नम्बर दिया गया है ताकि किसी भी स्थिति में जरूरत पड़े तो संपर्क किया जा सकता हैं। इन इन घरों में पहुंचे अधिकारी उपखंड अधिकारी ने विनोबा बस्ती में पूर्व पार्षद पवन गौड़ के घर पर पहुंचे। उनके बेटा लखन यूक्रेन में पढ़ाई करने गया हुआ हैं। इसी प्रकार शंकर कॉलोनी में छात्र अभिषेक पुत्र राजेन्द्र वर्मा, चक 3 ई छोटी निवासी आंचल पुत्री वीरपाल सिंह, साहूवाला गांव निवासी अंजली भाकर पुत्री जसंवत भाकर, पुरानी आबादी के मानवेन्द्र सिंह पुत्र डिप्टी सिंह ढिल्लो, मिर्जेवाला निवासी गगनदीप सिंह पुत्र बलकरण सिंह, 10 एफ बड़ा निवासी जसवीर सिंह पुत्र गोपाल सिंह, 18 एफ निवासी सुखपाल सिंह पुत्र बलवीर सिंह, 10 एफ राजदीप सिंह पुत्र सार्दूल सिंह के घर पहुंचकर परिजनों से आश्वासन दिया कि वे उनके बच्चों को स्वदेश लाने के लिए सरकार प्रयास कर रही हैं।