ग्रामीणों ने इसको लेकर हंगामा खड़ा कर दिया। सरपंच ने विवाद बढऩे पर मौके पर पुलिस बुलवा ली। सदर पुलिस थाने के एएसआई राजेंद्र बारहठ के नेतृत्व में पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंच कर दोनों पक्षों से समझाइश कर झगड़ा करने से रोक दिया।
टैंकर यूनियन के प्रेम दादरवाल, महेंद्र बागड़ी और सुरेंद्र स्वामी सहित और ग्रामीण सरपंच मीनू लिंबा,सुनील लिंबा,पूनमचंद, राजेंद्र गोयल,ताराचंद छिंपा,ओम छींपा,बजरंग वर्मा,महेंद्र वर्मा,श्रवण पटरी,रामकुमार डूडी,कपिल बुडिय़ा और सुशील कुमार आदि ने कहा कि गांव के सामाने किसी भी हालत में गंदगी नहीं डालने दी जाएगी।
प्लांट में टैंकर खाली करवाना तय हुआ
-दोनों पक्षों में विवाद के बाद ग्रामीण और टैंकर संचालक यूआईटी पहुंच गए। जहां यूआईटी सचिव कैलाशचंद्र शर्मा से मिले और वार्ता की गई। यूआईटी सचिव शर्मा ने कहा कि सेफ्टी टैंक सूरतगढ़ बाइपास पर वाटर ट्रीटमैंट प्लांट के अंदर सीधे ही खाली कर दिए जाए। इसके बाद प्लांट संचालक से ग्रामीण और टैंकर चालकों ने बात की तो उन्होंने इस पर सहमति दे दी।
यह है समस्या
सरपंच लिंबा का कहना है कि चार एमएल के गांव के सामने सड़क पर गंदगी डाली जा रही है। इसकी दूर-दूर तक बदबू आती है। इस कारण ग्रामीणों का जीना मुहाल हो जाता है। गंदगी से बीमारियां फैलती है और वातावरण से हवा दूषित हो जाती है।