— श्रीगंगानगर. गाजर हब के रूप में विख्यात साधुवाली गांव की जमीन में उपजने वाली गाजर का रंग, रस और मिठास का कोई सानी नहीं है जबकि अब विशिष्ट गाजर मंडी स्थापित करने को लेकर भूमि को लेकर विवाद की स्थिति बन गई। एक तरफ सादुलशहर विधायक व उनके समर्थक ग्राम पंचायत की भूमि पर गाजर मंडी स्थापित करने की मांग कर रहे हैं जबकि दूसरी तरफ सब्जी उत्पादक किसान संघ श्रीगंगानगर एलएनपी नहर के पास की भूमि पर गाजर मंडी स्थापित करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। किसानों ने एक मार्च को कलक्ट्रेट पर ट्रैक्टर रैली निकालने का आह्वान किया है।
इस बीच जिला कलक्टर महावीर प्रसाद वर्मा, कृषि विपणन विभाग के क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक डीएल कालवा, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता प्रदीप रुस्तगी, कृषि उपज मंडी समिति फल-सब्जी के सचिव दीपक अग्रवाल, किसान नेता अमर सिंह बिश्नोई सहित अन्य किसानों ने बुधवार को एलएनपी नहर की जगह का निरीक्षण किया। इस दौरान कलक्टर वर्मा ने जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता
किसानों ने धरना लगाकर किया विधायक का विरोध
एलएनपी नहर पर चल रही गाजर मंडी को बुधवार को किसानों ने बंद रखा तथा सादुलशहर विधायक का विरोध स्वरूप गाजर उत्पादक किसानों ने धरना लगाकर गाजर मंडी एलएनपी नहर स्थापित करने की मांग की। किसानों ने सादुलशहर विधायक के खिलाफ तख्तियां पर नारे लिखे हुए थे। इस मौका पर भाजपा नेता गुरवीरसिंह बराड़,गुरबलपाल सिंह संधू, रामेश्वर कड़वासरा, कृष्ण बरावड़, हरून खान, चक महाराजका के सरपंच जीवन सिंह, पूर्व सरपंच नाहरसिंह सहित काफी संख्या में किसानों ने नारेबाजी की और कांग्रेस विधायक का पुतला तक फूंका। किसान नेता अमर सिंह बिश्नोई का आरोप है कि ग्राम पंचायत साधुवाली की कृषि भूमि 6.38 बीघा मंडी समिति को हस्तांतरित करने की कार्रवाई की है। जबकि पूर्व सरपंच शांति देवी के पुत्र शंकर लाल की पूर्व दिशा में कृषि भूमि है। यह इस किसान को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। जबकि यह प्रस्ताव पूर्व सरपंच के कार्यकाल में ही लिया गया था।
क्यूं कहां पर बनाई जाए गाजर मंड़ी,अपने-अपने तर्क सादुलशहर विधायक मंडी यहां पर स्थापित करने के पक्षधर सादुलशहर के वर्तमान विधायक ने जिला कलक्टर को पत्र लिखकर गाजर मंडी ग्राम पंचायत की 6.38 बीघा भूमि पर गाजर मंडी स्थापित करने की मांग की है। विधायक ने बताया कि किसानों को गाजर व अन्य सब्जियों के उचित दाम मिलेंगे,व्यापारियों के पूल व बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी। गंगनहर के पटड़ों का नुकसान नहीं होगा। गंगनहर का पानी का प्रदूषण रूकेगा। रोजगार बढ़ेगा और स्थायित्व आएगा। गाजर के प्रसंस्करण प्लांट स्थापित होने पर आचार मुरब्बा,जैम,जैली व वैक्स करके अंतर राज्य व्यापार करने से राजस्व बढ़ेगा। सरपंच श्रीराम बरावड़ भी ग्राम पंचायत की भूमि पर गाजर मंडी स्थापित करने की मांग कर रहे हैं।
एलएनपी नहर पर बनाई जाए गाजर krishan chauhan,
सब्जी उत्पादक किसान संघ श्रीगंगानगर के अध्यक्ष अमर सिंह बिश्नोई ने चार अगस्त 2017 को तत्कालीन पंचायती राज मंत्री को ज्ञापन देकर साधुवाली में गाजर मंडी स्थापित करने की मांग की। राज्य सरकार ने साधुवाली में विशिष्ट गाजर मंडी की घोषणा कर दी। इस पर बिश्नोई का कहना है कि गाजर मंडी पंचायत की भूमि में न स्थापित कर गंगनहर के पास खाली पड़ी एलएनपी नहर की भूमि पर बनाई जाए। यहां पर किसान अपनी उपज की धुलाई व ब्रिकी इसी स्थान पर कर रहे हैं।यहां पर पर्याप्त जगह है और इससे किसानों को बड़ी सुविधा मिलेगी। गाजर मंडी पंचायत की भूमि पर स्थापित करने पर वह जगह गांव के बीच में है साथ वहां पर गांव के तीन राजकीय विद्यालय भी है और आवागमन के रास्ते भी बहुत संकरे हैं। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी।आवागमन बाधित होगा। साथ ही ग्राम पंचायत की भूमि पर किसानों के लिए ना तो पर्याप्त जगह है और ना ही पानी की व्यवस्था है।
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कांग्रेस-भाजपा का श्रेय लेने की होड़ गाजर मंडी साधुवाली में स्थापित करने की मांग क्षेत्र के किसान व कई जनप्रतिनिधि भी कर रहे हैं। कहां पर गाजर मंडी स्थापित की जाए। इसको लेकर भाजपा के पूर्व मंत्री व विधायक गुरजंट सिंह बराड़ व वर्तमान कांग्रेस विधायक के बीच श्रेय लेने की होड़ लगी है। कांग्रेस व भाजपा की आपसी कलह व खींचतान में गाजर उत्पादक किसान बीच में फंस रहा है। अब जिला प्रशासन को किसान हित में निर्णय करना चाहिए। जहां पर किसान हित में गाजर मंडी सही होगी,वहां पर मंडी स्थापित करने की कार्रवाई करनी चाहिए।