इस नहर के माध्यम से हरियाणा को मिलने वाले पानी के मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा पिछले कई दशकों से आमने-सामने हैं। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। मूसेवाला ने एसवाईएल गीत संभवत: पंजाब के विधानसभा चुनाव के दौरान लिखा और रिकॉर्ड किया। इसका वीडियो वर्जन तैयार कर जारी करने से पहले ही उसकी हत्या हो गई। अब यह गीत जारी हुआ तो इस पर विवाद खड़ा हो गया। यूट्यूब ने पंजाब सरकार या केन्द्र सरकार, किसकी आपत्ति पर इसे अपने प्लेटफार्म से हटाया है, यह स्पष्ट नहीं हो पाया।
इस गीत की शुरुआत आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रभारी सुशील गुप्ता के भाषण के एक अंश से होती है। इसमें गुप्ता कहते हैं कि पंजाब की तरह 2024 में हरियाणा में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो एसवाईएल का पानी हरियाणा के खेतों में पहुंच जाएगा। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और अकाली दल बादल की सरकार के समय एसवाईएल को पानी देने का पंजाब विधानसभा में कई बार भारी विरोध हो चुका। यह दोनों पार्टियां राजस्थान को मिलने वाले पानी का भी समय-समय पर विरोध किया है।
इस गीत का समापन मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक के भाषण के अंश के साथ किया गया है। मलिक का यह भाषण किसान आंदोलन के दौरान दिया हुआ , जिसमें वह इंदिरा गांधी, जनरल वैद्य और जनरल डायर की हत्या का जिक्र करते हुए सिखों की सहनशीलता की परीक्षा नहीं लेने की नसीहत देते हैं। मलिक के इस भाषण को लेकर भाजपा में काफी बवाल मचा था क्योंकि मलिक का सीधा निशाना केन्द्र सरकार पर था।
इस गीत में वृहद पंजाब को याद करते हुए गायक मूसेवाला चंडीगढ़, हिमाचल और हरियाणा को पंजाब में शामिल नहीं करने तक एसवाईएल के माध्यम से पानी तो छोड़ो एक बूुंद भी पानी नहीं देने की बात कहता है। गीत के एक अंतरे में सजा भुगत चुके सिखों की रिहाई करने की मांग की गई है। दमदमी टकसाल और पंथक जत्थेबंदियों के साथ अकाली दल अमृतसर के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान भी पंजाब में आतंकवाद के दौरान गिरफ्तार किए गए सिख नौजवानों की रिहाई की मांग करते आ रहे हैं। इसी गीत की एक पंक्ति में आतंकवाद और आतंकवादी के खिलाफ किसी की गवाही न होने का दावा करते हुए 1984 के दंगों के दोषियों सजा देने की मांग भी की गई है।