न्यू प्रेम नगर निवासी सोनिया यादव कहती हैं कि बच्चे स्कूल नहीं जा रहे और पंजाब की सीमा सील कर दी है। इस कारण पति विजय यादव बागवानी व कृषि जिन्सों की कटाई-व कढ़ाई तक नहीं रकवा पा रहे हैं। काम वाली बाई आ नहीं रही है। ऐसे में सभी सदस्य दिन भर घर पर ही रहते हैं तो काम बढ़ गया। लॉकडाउन से पहले दिन में आराम करने का समय मिल जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। पुरानी आबादी निवासी हंसा खींची कहती हैं कि बच्चों की पढ़ाई की चिंता रहती है।
शहर की पुरानी आबादी निवासी दुर्गा आनंद ने बताया कि शुरुआत के पांच सात दिन तक तो उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया,लेकिन अब वे अपनी बच्चों को नियमित रूप से दो घंटे पढ़ा रही हूं। कुछ ऐसा ही कुछ हाल वास्तु नगर निवासी बबीता झा का भी है। उनका बेटा और बेटी की पढ़ाई करवा रही है। छुट्टियों की वजह से उसका पढ़ाई में व्यवधान न पड़े। इसके लिए वे रोज दो घंटे पढ़ाती हैं। क्लास टीचर को होमवर्क भी नियमित रूप से भेजती हैं।