ब्यूरो के डीएसपी भूपेन्द्र सोनी ने बताया कि कि 8 जुलाई 21 को ब्यूरो के डीएसपी वेदप्रकाश लखोटिया श्रीगंगानगर द्वितीय चौकी को फोन पर सूचना मिली थी कि परिवादी अजीत सिंह की कृषि भूमि रोही हिन्दौर टोल प्लाजा, जिस पर मंगतू खान आदि से विवाद है। इस संबंध में मेरी मां जीवणीदेवी की तरफ से राजियासर थाने में परिवाद दिया हुआ है।
जांच में थाना प्रभारी ने तहसीलार सूरतगढ़ को मौका पर पटवारी भेजकर निशानदेही दिलवाने के लिए पत्र लिखा था। पटवारी को लाने के लिए परिवादी अपने जानकार रमेश खिलेरी के साथ पटवारी संजीव मलिक से मिला। पटवारी ने दो-तीन बार मौका पर जाकर टालमटोल करते हुए निशानदेही नहीं की और अब निशानदेही के लिए दो लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा है। इस पर कार्रवाई करते हुए तत्काल एसीबी डीएसपी मय जाब्ते के सूरतगढ़ में परिवादी के पास पहुंचे और लिखित रिपोर्ट ली।
इस दौरान मामले का सत्यापन कराया गया। सत्यापन के दौरान आरोपी संजीव मलिक राजस्व पटवारी पटवार हलका राजियासर व तहसील सूरतगढ़ की ओर से अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में अपनी पदीय स्थिति का दबाव बनाकर परिवादी अजीत सिंह से निशानदेही रिपोर्ट देने की एवज में डेढ़ लाख रुपए मांगे। जिसमें 50 हजार प्रथम किश्त व एक लाख कार्य होने के बाद लेने पर सहमति जताई। दूसरे दिन एसीबी डीएसपी ने वहां ट्रेप का जाल बिछाया।
लेकिन जिला मुख्यालय पर कलक्टर की मिटिंग में आरोपी को तलब किए जाने के कारण ट्रेप कार्रवाई नहीं हो सकी। इसी दौरान पटवारी संजीव मलिक का तबादला तहसील घडसाना होने के कारण रिश्वत का लेन देन नहीं हो सका। आरोपी पटवारी संजीव मलिक के खिलाफ रिपोर्ट ब्यूरो मुख्यालय पेश की गई। इस पर पटवारी के खिलाफ रिश्वत की राशि डेढ़ लाख रुपए मांग करने का मामला दर्ज किया गया है। जिसकी जांच डीएसपी को सौंपी है। सोमवार को ब्यूरो की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पेश किया, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी पटवारी को 27 सितंबर को आवाज का नमूना देने के लिए तलब किया है।