डीपीआर बनाई...फिरोजपुर फीडर की जर्जर ‘काया’ का कब होगा सुधार
- -राजस्थान सरकार के आग्रह पर पंजाब सरकार ने फिरोजपुर फीडर की 350 करोड़ रुपए की डीपीआर बनाई
-फिरोजपुर फीडर नहर का जीर्णोंद्धार होने पर गंगनहर को मिलेगा पूरा सिंचाई पानी
-फिरोजपुर फीडर नहर का जीर्णोंद्धार होने पर गंगनहर को मिलेगा पूरा सिंचाई पानी

डीपीआर बनाई...फिरोजपुर फीडर की जर्जर ‘काया’ का कब होगा सुधार
-राजस्थान सरकार के आग्रह पर पंजाब सरकार ने फिरोजपुर फीडर की 350 करोड़ रुपए की डीपीआर बनाई
-फिरोजपुर फीडर नहर का जीर्णोंद्धार होने पर गंगनहर को मिलेगा पूरा सिंचाई पानी
- कृष्ण चौहान
श्रीगंगानगर. कृषि बाहुल्य श्रीगंगानगर जिले की अर्थव्यवस्था खेती पर टिकी हुई। खेती के लिए पर्याप्त नहरी पानी की आवश्यकता पड़ रही है। जबकि पंजाब में हरिके बैराज से निकलने वाली फिरोजपुर फीडर की काया जर्जर हो रखी है। इस कारण श्रीगंगानगर जिले के किसान को पर्याप्त सिंचाई पानी नहीं मिल पाता है। यह मुद्दा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के 12 फरवरी को दौरे पर आए तब भी किसानों ने मुख्यमंत्री के समक्ष उठाकर फिरोजपुर फीडर जीर्णोंद्वार की मांग उठाई थी।
जल संसाधन विभाग और राज्य सरकार की अनुंशसा पर पंजाब सरकार ने फिरोजपुर फीडर का दोबारा निर्माण कार्य करवाने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीपीआर बनाई थी। डीपीआर के हिसाब से इस नहर निर्माण पर 350 करोड़ रुपए की राशि खर्च होना प्रस्तावित है। पंजाब सरकार ने डीपीआर को स्वीकृति के लिए सेंटर वाटर कमीशन नई दिल्ली को भेज रखा है। वहां से केंद्र सरकार किसी योजना में इस नहर की स्वीकृति करता है। कोविड-19 की वजह से बजट का संकट भी बाधा बन सकता है। इसकी अभी प्रक्रिया शुरू हुई है लेकिन कार्रवाई लंबी चलेगी। फिरोजपुर फीडर के जीर्णोंद्धार को लेकर विभिन्न किसान संगठनों ने बार-बार मुद्दा भी उठाया है लेकिन इस पर अभी तक बात नहीं बन रही है।
उल्लेखनीय है है कि फिरोजपुर फीडर से ही गंगनहर को सिंचाई पानी मिलता है। इस नहर में 500 से अधिक कहीं पर छोटे तो कहीं पर बड़े कट लगे हुए हैं। इस कारण फिरोजपुर फीडर में निर्धारित क्षमता के अनुसार सिंचाई पानी नहीं चल रहा है। नहर में 6 हजार क्यूसेक सिंचाई पानी प्रवाहित करने की क्षमता है। वर्तमान में 4800 से 5300 क्यूसेक सिंचाई पानी ही चल पाता है।
नहर में पानी की क्षमता घटी--जल संसाधन विभाग के अनुसार फिरोजपुर फीडर नहर में सिंचाई पानी की क्षमता 11 हजार 192 क्यूसेक थी और वर्तमान में 10 हजार 700 क्यूसेक से कम रह चुकी है। इस कारण इलाके के किसानों को पूरा सिंचाई पानी नहीं मिलता है। हरिके बैराज से फिरोजपुर फीडर निकलती है। इसमें पंजाब की सरहिंद फीडर, हरिहर जौख, गुरिद्धतावाला माइनर और 45 आरडी और मल्लेवाला हैड से गंगनगर में सिंचाई पानी प्रवाहित होता है। हरिके बैराज से 0 से 168 आरडी तक फिरोजपुर फीडर है। 168 आरडी पर बीकानेर कैनाल आती है।
कितनी है फीडर की क्षमता--एडवोकेट सुभाष सहगल ने बताया कि फिरोजपुर फीडर नहर का निर्माण 1957-58 में हुआ था। इस नहर की आयु 50 साल की थी जो कि एक दशक पहले पूर्ण हो गई। इस नहर की अब लाइनिंग जगह-जगह से ध्वस्त हो चुकी है। नहर का निर्माण कार्य करवाना बहुत जरूरी है। हालांकि बीच-बीच में नहरबंदी में नहर की पेवर लाइनिंग का कार्य किया गया था।
कई बार उठा फीडर का मुद्दा विधानसभा में--श्रीगंगानगर विधायक, श्रीकरणपुर विधायक ने विधानसभा में इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया। इससे पहले रायसिंहनगर की पूर्व विधायक ने भाजपा के कार्यकाल में भी फिरोजपुर फीडर जीर्णोंद्धार को लेकर विधानसभा में मुद्दा उठाया था। रायसिंहनगर की महिला नेत्री रामदेवी बावरी ने कहा कि पूर्व में भाजपा की सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं थी। कृषि बाहुल्य इस जिले के लिए इस फीडर का निर्माण होना बहुत जरूरी है।
फिरोजपुर फीडर की हालत बहुत खस्ता बनी हुई है। जल संसाधन विभाग और राज्य सरकार की अनुंशसा पर पंजाब सरकार ने इस फीडर की डीपीआर बनाकर सेंटर वाटर कमीशन नई दिल्ली को भेजी है। वहां से इसकी स्वीकृति मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रदीप रुस्तगी, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन विभाग, श्रीगंगानगर।
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