इस विवाद के कारण एलईडी ठेका कंपनी के संविदा कार्मिक बार बार कई गलियों की रोड लाइट के कनैकशन काट रहे है। इससे रात को रोड लाइट जलने की बजाय बंद रहने लगी है।
नगर परिषद के पास रोजाना शिकायतों की लंबी सूची बन रही है लेकिन चंद कार्मिकों के बलबूते पर ऐसी लाइनों को ठीक कराना संभव नहीं हो रहा है। यहां तक कि विधानसभा चुनाव के बाद उन मोहल्लों को टारगेट कर रोड लाइट सुविधा से वंचित किया जा रहा है जिन्होंने नगर परिषद सभापति के अग्रज को वोट नहीं दिए थे।
हालांकि सभापति अजय चांडक ने इस आरोप को निराधार बताते हुए जानकारी दी कि शहर में एलईडी ठेका कंपनी के कारिंदों की कारस्तानी के कारण यह व्यवस्था बिगड़ी है, इस वजह से उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है। वे खुद शहर हित में कड़ा कदम उठाने को तैयार है।
इधर, शहर के शिव चौक से लेकर सुखाडिय़ा सर्किल तक और शक्ति मार्ग पर रात को अंधेरा पिछले एक सप्ताह से पसरा हुआ है। तकनीकी खामी के चलते इन मार्गों की रोड लाइट बंद रही। यही नहीं शिव चौक पर लगी हाई मास्क मर्करी भी बंद रही। हालांकि इन मार्गों पर बिजली सप्लाई सुचारू थी।
अंधेरे के चलते इन मार्गों के दुकानदारों व आमजन को परेशानी हुई। इस संबंध में लोगों ने इधर-उधर संपर्क कर रोड लाइट और हाई मास्क मर्करी बंद होने का कारण जानना चाहा तो कहीं से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इस पर लोगों ने अंधेरे के लिए जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों के प्रति रोष जताया।
विद्युत निगम ने हर बिजली कनैक्शनधारकों से रोड लाइट जलाने के एवज में नगरीय उपकर वसूलने की मुहिम अब तक नहीं छोड़ी है।
निगम को हर महीने लाखों रुपए इस उपकर से राजस्व मिलता है लेकिन सुविधा देने के नाम पर नगर परिषद प्रशासन टालमटोल कर रहा है। इलाके के जनप्रतिनिधि भी इस समस्या को जानते हुए भी अनजान बने हुए है।